सुप्रीम कोर्ट ने जिलिंग स्टेट मामले में हाईकोर्ट के आदेश को किया रद्द
05-Jan-2024 05:28 PM 4889
नयी दिल्ली/नैनीताल, 05 जनवरी (संवाददाता) उच्चतम न्यायालय ने अपने महत्ववपूर्ण निर्णय में उत्तराखंड के भीमताल में जिलिंग स्टेट में बन रही लक्जरी टाउनशिप के निर्माण संबंधी उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया है। शीर्ष अदालत के फैसले से जिलिंग स्टेट में लगभग 90 एकड़ में बन रही लक्जरी टाउनशिप परियोजना के निर्माण कार्य पर रोक लग गयी है। न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की खंडपीठ ने वीरेन्द्र सिंह की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई के बाद यह महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। अदालत ने अपने आदेश में पर्यावरणीय मुद्दे हवाला देते हुए यह आदेश दिया। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी की अगुवाई वाली पीठ ने सितंबर, 2022 को गूगल मैप और भारतीय वन सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी वीके शर्मा की रिपोर्ट के बाद लक्जरी टाउनशिप परियोजना के निर्माण पर रोक लगा दी थी। इसके बाद सितंबर 2023 को अपने आदेश में संशोधन कर कुछ शर्तों के साथ आंशिक निर्माण कार्य की अनुमति दे दी थी। याचिकाकर्ता की ओर से उच्च न्यायालय के आदेश को विशेष अनुमति याचिका के माध्यम से शीर्ष अदालत में चुनौती दी गयी। इस प्रकरण में विगत दो जनवरी को सुनवाई हुई लेकिन आदेश की प्रति शुक्रवार को मिल पायी। खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि यह मामला उच्च न्यायालय में लंबित है और पूर्ण सुनवाई के बिना टाउनशिप की अनुमति देना उचित नहीं है। साथ ही यह पर्यावरण से भी जुड़ा हुआ है। शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय को इस मामले की सुनवाई तीन महीने में पूरी करने को भी कहा है। याचिकाकर्ता की ओर से इस मामले को इससे पहले 1918 में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के समक्ष भी उठाया गया। याचिकाकर्ता की ओर से एनजीटी को बताया गया कि जिलिंग स्टेट में लक्जरी टाउनशिप योजना के तहत विशाल कंक्रीट का निर्माण किया जा रहा है। इसमें कई विला और निजी हैलीपैड का भी निर्माण किया जा रहा है। याचिकाकर्ता की ओर से आगे कहा गया कि स्थानीय पारिस्थितिकीय तंत्र और पर्यावरण को नुकसादेह साबित होगा। इससे वन्य जीवों की बेरोकटोक आवाजाही पर भी फर्क पड़ेगा। हालांकि एनजीटी ने याचिकाकर्ता के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था। याचिकाकर्ता की ओर से एनजीटी के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गयी। उच्चतम न्यायालय ने जिलिंग स्टेट के सर्वेक्षण और सीमांकन करने का निर्देश देकर अपील को निस्तारित कर दिया था। शीर्ष अदालत के ताजा निर्णय से उच्च न्यायालय का पांच सितंबर 2023 का आदेश अस्तित्व में आ गया है और अब जिलिंग स्टेट में किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर रोक रहेगी।...////...
© 2025 - All Rights Reserved - mpenews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^