ताजमहल के रखरखाव में चूक की अदालत में की गयी शिकायत
24-May-2022 08:49 PM 2477
आगरा, 24 मई (AGENCY) उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित ऐतिहासिक धरोहर ताजमहल के रखरखाव में हुयी चूक को लेकर मंगलवार काे यहां स्थित मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में पेश अर्जी पर 16 जून को सुनवाई होगी। इस अर्जी में अदालत से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) के अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश देने की मांग की है। आगरा स्थित नाई की मंडी निवासी उमेशचंद वर्मा की अर्जी पर सीजेएम प्रदीप कुमार सिंह ने वाद दर्ज करते हुए 16 जून की तारीख नियत की है। अर्जी में आरोप लगाया गया है कि विगत फरवरी-मार्च माह में मुगल बादशाह शाहजहां के तीन दिवसीय उर्स के दौरान ताजमहल में लाखों की अनियंत्रित भीड़ ने प्रवेश किया और वहां की सुंदरता एवं सुरक्षा को तार-तार करते हुये फूल-पौधों, फव्वारों, जाली व रेलिंग आदि को नुकसान पहुंचाया। पुरातत्व विभाग और एडीए के अधिकारियों की नाकामी के चलते यह सारी अव्यस्थाएं हुईं। परिवाद में एएसआई के महानिदेशक, अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल और एडीए के उपाध्यक्ष डा. राजेंद्र पैंसिया को आरोपी बनाने की मांग की गयी है। वर्मा ने अपने अधिवक्ता मोती सिंह सिकरवार के माध्यम से सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना-पत्र पेश किया। प्रार्थना-पत्र के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को दरकिनार कर ताजमहल पर शाहजहां का 367वां तीन दिवसीय उर्स 27-28 फरवरी एवं एक मार्च 2022 को आयोजित किया गया। उर्स के लिए ताजमहल में अकीदतमंदों के प्रवेश को एएसआई ने निःशुल्क कर दिया। इस कारण ताजमहल में लाखों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी, जिसमें अकीदतमंद कम सैलानी ज्यादा पहुंच गए। भीड़ ने ताजमहल की सुरक्षा व्यवस्था और सुंदरता को तहस-नहस कर दिया। आरोप है कि इस दौरान भीड़ ने ताजमहल की सुरक्षा में तैनात केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवानों से भी बदसलूकी की। वादी का आरोप है कि अधीक्षण पुरातत्वविद के एक गलत फैसले से ऐतिहासिक इमारत को भारी क्षति पहुंची। तीन दिन तक ताजमहल को निःशुल्क कर सरकार को लाखों रुपये के राजस्व की हानि भी पहुंचाई गई।...////...
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