तरल उर्वरक परियोजनाओं पर तीन हजार करोड़ रुपए की निवेश की इफको की तैयारी
28-May-2022 11:46 PM 2619
अहमदाबाद, 28 मई (AGENCY) सहकारी क्षेत्र की विशाल उर्वरक कंपनी इफको ने नैनो (तरल) उर्वरकों के उत्पादन के लिए आंवला, फूलपुर, कलोल (विस्तार), बेंगलुरु और पारादीप, कांडला, देवघर (झारखंड) और गुवाहाटी इकाइयों में नैनो यूरिया, नैनो डीएपी और नैनो माइक्रो पोषक तत्वों के उत्पादन के लिए विभिन्न स्थानों पर अतिरिक्त विनिर्माण सुविधाएं स्थापित की हैं। इफको के पहले नैनो यूरिया कारखाने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कलोल (गांधीनगर) में ऑनलाइन उद्घाटन किया, जिसकी दैनिक उत्पादन क्षमता 500 मीलीलीटर की 1.5 लाख बोतल नैनो यूरिया की है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि इस तरह के आठ और कारखाने देशभर में लगाए जाएंगे। इफको की विज्ञप्ति के अऩुसार, उपरोक्त सभी इकाइयों में 3000 रुपये करोड़ के कुल निवेश के साथ प्रतिदिन दो लाख बोतलों की डिजाइन उत्पादन क्षमता होगी, जिसमें से 720 पहले से ही प्रतिबद्ध है और हजारों लोगों के लिए रोजगार पैदा करेगी। इफको के प्रबंध निदेशक डॉ उदय शंकर अवस्थी ने कलोल संयंत्र के कामकाज और इसकी विभिन्न तकनीकों के बारे में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जानकारी दी। इफको ने उद्घाटन कार्यक्रम में नैनो यूरिया के उपयोग को एक फिल्म में वहां मौजूद 7000 से अधिक किसानों और सह-संचालकों को दिखाया। फिल्म में बताया गया है कि इसकी प्रेरणा प्रधानमंत्री की मिट्टी में यूरिया के उपयोग को कम करने के दृष्टिकोण से ली गई है। श्री अवस्थी ने कहा कि नैनो यूरिया क्रांति का वाहन ड्रोन होगा, क्योंकि यह आधुनिक कृषि तकनीकों और प्रथाओं को पेश करेगा। डॉ अवस्थी ने कहा कि नैनो यूरिया तरल फसल की पोषण गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ाने में बहुत प्रभावी पाया गया है और इसका भूमिगत जल और पर्यावरण की गुणवत्ता पर एक बड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ता है जिसके परिणामस्वरूप ग्लोबल वार्मिंग में महत्वपूर्ण कमी आई है। उन्होंने बताया कि इफको नैनो यूरिया तरल की 3.60 करोड़ बोतल का उत्पादन किया गया है, जिसमें से 2.50 करोड़ की बिक्री हो चुकी है। इफको के अध्यक्ष दिलीप संघाणी ने कहा कि नैनो यूरिया तरल को प्रधानमंत्री मोदी के आत्मानिर्भर भारत और सहकार से समृद्धि के दृष्टिकोण के अनुरूप बनाया गया है, जिसका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना है। इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) ने पिछले साल की शुरुआत में दुनिया का पहला इफको नैनो यूरिया (तरल) पेश किया था और जो फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर (एफसीओ,1985) में शामिल है। इफको नैनो यूरिया (तरल) को स्वदेशी तकनीक के माध्यम से कलोल, गुजरात में इफको नैनो बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर (एनबीआरसी) में विकसित किया गया था। कलोल में पहली इफको नैनो यूरिया (तरल) उत्पादन इकाई को 175 करोड़ रुपये के निवेश के साथ बनाया गया है। वर्तमान में इसकी क्षमता प्रतिदिन नैनो यूरिया की 1.5 लाख 500 मिलीलीटर बोतल का उत्पादन करने की है। इफको का नैनो यूरिया तरल एक क्रांतिकारी उत्पाद है और सतत कृषि की दिशा में एक कदम आगे है।...////...
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