28-Jun-2025 08:07 PM
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नयी दिल्ली, 28 जून (संवाददाता) केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि “आत्ममुग्धता, तानाशाही प्रवृत्ति, अवसरवाद, लोकतांत्रिक सोच की कमी और वंशवादी महत्वाकांक्षाओं के कारण 1975 में आपातकाल थोप दिया गया।
डॉ सिंह ने दिल्ली विधानसभा में “भारतीय लोकतंत्र और संविधान का सबसे अंधकारमय दौर: ना भूलें, ना क्षमा करें” विषय पर आयोजित संगोष्ठी में कहा कि,“1975 से 1977 का संक्षिप्त लेकिन काला कालखंड भारत के हर नागरिक के जीवन को प्रभावित करने वाला था। मौलिक अधिकार निलंबित कर दिए गए, प्रेस पर सख्त सेंसरशिप थोप दी गई और हजारों लोगों को बिना मुकदमा चलाए कैद कर लिया गया। शहरी विकास के नाम पर जबरन नसबंदी और बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की गई। 1976 में पारित 42वां संविधान संशोधन, लोकसभा और राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल पाँच से बढ़ाकर छह वर्ष कर दिया गया जिसे बाद में 44वें संशोधन (1978) द्वारा वापस लिया गया।...////...