14-Jun-2025 12:02 AM
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नयी दिल्ली 13 जून (संवाददाता) केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) क्रिप्टो करेंसी ( आभासी मुद्रा ) में निवेश के माध्यम से उच्च आय कमाने वाले व्यक्तियों द्वारा कर चोरी और बेहिसाब आय के शोधन की आंकलन वर्ष 2023 24 और 2024 25 के लिए जांच कर रहा है।
सीबीडीटी के सूत्रों ने आज यहां कहा कि ऐसी संस्थाएं और व्यक्ति जो वर्चुअल डिजिटल एसेट (वीडीए) लेनदेन में लगे हुए हैं और आयकर अधिनियम, 1961 का अनुपालन करने में विफल रहे हैं, उन्हें सत्यापन के लिए पहचाना गया है।
वित्त अधिनियम, 2022 के तहत सम्मिलित आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 115बी बी एच , वीडीए हस्तांतरण से आय पर 30 प्रतिशत के साथ लागू अधिभार और उपकर की दर से कर के दायरे में है। प्रावधान अधिग्रहण की लागत को छोड़कर किसी भी व्यय की कटौती की अनुमति नहीं है।
इसके अलावा, वीडीए निवेश या ट्रेडिंग से होने वाले नुकसान को किसी अन्य आय के विरुद्ध सेट-ऑफ करने या बाद के वर्षों में आगे ले जाने की अनुमति नहीं है।
सूत्रों के अनुसार डेटा एनालिटिक्स ने दिखाया है कि बड़ी संख्या में व्यक्तियों ने आईटीआर की अनुसूची वीडीए दाखिल न करके और कम दर पर अर्जित आय पर कर की पेशकश करके या लागत सूचकांक का दावा करके आयकर अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया है।
उन्होंने कहा कि करदाताओं द्वारा दाखिल किए गए आईटीआर का सत्यापन वर्चुअल एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स (वीएएसपी) द्वारा दाखिल टीडीएस रिटर्न के साथ किया जा रहा है, जिन्हें क्रिप्टो एक्सचेंज के रूप में जाना जाता है और डिफॉल्टरों को आगे के सत्यापन/जांच के लिए चुना जा सकता है।
विश्वसनीय स्रोतों से पता चला है कि सीबीडीटी ने हाल ही में हजारों डिफॉल्टर व्यक्तियों को उनके आईटीआर की समीक्षा करने और वीडीए लेनदेन के कारण किसी भी आय को ठीक से घोषित नहीं किए जाने पर अपडेट करने के लिए ईमेल भेजे हैं।
सीबीडीटी ने हाल ही में ट्रस्ट टैक्सपेयर्स फर्स्ट दर्शन के एक हिस्से के रूप में करदाताओं को नगद (गाइड और सक्षम करने के लिए डेटा का गैर-घुसपैठ वाला उपयोग) नामक एक नए दृष्टिकोण की शुरुआत की है। इस अभियान को पिछले छह महीनों में सीबीडीटी द्वारा शुरू किया गया तीसरा नगद अभियान माना जा रहा है। इससे पहले नगद अभियान करदाताओं द्वारा विदेशी संपत्ति/आय की घोषणा और धारा 80जीजीसी के तहत कटौती के फर्जी दावों को वापस लेने पर थे।...////...