13-Jul-2022 10:38 PM
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हैदराबाद, 13 जुलाई (AGENCY) उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को बच्चों के समग्र विकास और राष्ट्र के सुरक्षित भविष्य के निर्माण के लिए समग्र व मूल्य आधारित शिक्षा के महत्व पर जोर दिया।
उपराष्ट्रपति ने ‘अंक-केंद्रित शिक्षा’ की मानसिकता को छोड़ने और शिक्षा को ‘केवल अक्षरों तथा संख्याओं के रूप में नहीं, बल्कि संस्कृति एवं मूल्यों की शिक्षा’ के रूप में देखने का आह्वान किया।
हैदराबाद में प्रख्यात तेलुगु विद्वान और साहित्यकार (अवधानी) गरिकीपति नरसिम्हा राव को एक सांस्कृतिक संगठन आकृति द्वारा स्थापित ‘संस्कार’ पुरस्कार प्रदान करते हुए, श्री नायडू ने तेलुगु भाषा में उनके साहित्यिक योगदान तथा उनकी आध्यात्मिक शिक्षाओं के लिए गरिकीपति की सराहना की।
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर श्री नायडू ने कहा कि भारतीय परंपरा में गुरु को सर्वोच्च सम्मान दिया जाता है और गुरु एवं शिष्य के बीच के संबंध को सबसे पवित्र माना जाता है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि गुरु हमारे जीवन में एक अमूल्य भूमिका निभाते हैं और सिर्फ ज्ञान प्रदान करने से ज्यादा, चरित्र को ढालने और हमारे भविष्य को आकार देने में मदद करते हैं।
श्री नायडू ने अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त किया, उनकी शिक्षाओं को एकत्रित किया और उनके जीवन पर पड़ने वाले अत्यधिक प्रभाव को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि कृतज्ञता के साथ अपने शिक्षकों को याद रखना महत्वपूर्ण है जिन्हें भारतीय संस्कृति में माता-पिता और यहां तक कि भगवान के समान दर्जा दिया गया है।
इस अवसर पर तेलंगाना सरकार के सलाहकार डॉ के वी रामनाचारी, फिक्की के सीएमडी अच्युत जगदीश चंद्र, आकृति के अध्यक्ष, सुधाकर राव, साहित्यकार, कलाकार और अन्य लोग भी उपस्थित थे।...////...