31-Jan-2024 07:58 PM
2250
नयी दिल्ली, 31 जनवरी (संवाददाता) विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने वाराणसी जिला अदालत द्वारा ज्ञानवापी ढांचे के तहखाने में पूजा-अर्चना की अनुमति दिए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की और उम्मीद जतायी कि अदालत संपूर्ण प्रमाण के आधार पर काशी विश्वेश्वर को उनका मूल स्थान देने के पक्ष में निर्णय सुनाएगी।
विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने बुधवार को यहां कहा कि आज काशी की जिला अदालत ने एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है, जिससे विश्व के सभी हिन्दुओं का हृदय आनंद से भर गया है। ज्ञानवापी ढांचे के तहखाने के दक्षिण भाग में मंदिर स्थित है। वर्ष 1993 यानी आज से 31 वर्ष पहले तक उस मंदिर में भगवान की नियमित पूजा-अर्चना होती थी। वर्ष 1993 में वहां बाड़ लगा दी गई, हिन्दुओं का जाना आना बंद कर दिया गया और अन्यायपूर्वक हिन्दुओं को वहां उनके पूजा के अधिकार से वंचित कर दिया गया। उसको वापस शुरू करने के लिए मुकदमा दायर किया गया। कुछ समय पहले वादी की प्रार्थना पर अदालत ने वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को उस जगह का रिसीवर तय कर दिया और उन्हें उसकी सुरक्षा संभाल का दायित्व दिया गया किंतु, उस आदेश में पूजा अर्चना के बारे में कुछ नहीं था। अतः वादी ने दोबारा अदालत में प्रार्थना पत्र लगाया था।
श्री कुमार ने कहा, "हमको बहुत प्रसन्नता है कि न्यायालय ने आज कहा कि वादी और काशी विश्वनाथ ट्रस्ट मिलकर एक पुजारी की नियुक्ति कर दें और यह पुजारी इस बात का ध्यान रखें कि वहां नियमित विधिपूर्वक पूजा अर्चना सेवा होती रहे। यह अधिकार 31 वर्ष बाद मिला, इतना समय क्यों लगा यह सोचना होगा। पर जब मिला तब अच्छा।"
उन्होंने कहा,"हम इसमें भविष्य की भी आहट देखते है और इसलिए हमें आशा है कि इस निर्णय के बाद, सम्पूर्ण ज्ञानवापी परिसर के मुक़दमे का फैसला भी जल्दी होगा और हम प्रमाणों और तर्क के आधार पर आश्वस्त है कि यह फैसला हिन्दू समाज के पक्ष में ही आएगा। हिन्दू भगवान काशी विश्वेश्वर को उनके मूल स्थान पर पुनः स्थापित कर सकेंगे, जो सम्पूर्ण मानवता के कल्याण के लिए होगा।...////...