19-Jun-2025 11:21 PM
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नयी दिल्ली, 19 जून (संवाददाता) विभिन्न राज्यों की पांच विधान सभा सीटों के लिए गुरुवार को कराए गए उप चुनाव में देश में पहली बार मतदान केंद्रों के प्रवेश द्वार पर मोबाइल डिपॉज़िट सुविधा और उन्नत वीटीआर (मतदान के आंकड़े) बताने की प्रक्रिया और मतदान केंद्रों की 100 प्रतिशत वेबकास्टिंग जैसे प्रयोग शुरू किए गए हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने चुनाव आयुक्तों डॉ. सुखबीर सिंह संधू तथा डॉ. विवेक जोशी के साथ मिल कर नियम-कानून के दायरे में रहते हुए चुनाव प्रक्रियों को मतदाताओं, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और चुनाव अधिकारियों के लिए हाल के महीनों में 20 से अधिक नये कदम उठाएं हैं। आयोग की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि चुनाव आयोग (ईसीआई) की ओर से आज पांच विधानसभा क्षेत्रों के लिए हुए उपचुनावों में पिछले चार महीनों में ईसीआई द्वारा शुरू की गई कई प्रमुख नई पहलों का सफल कार्यान्वयन देखा गया।
गुजरात में -कदी (अनुसूचित जाति ) और विसावदर विधान सभा क्षेत्र, केरल में नीलांबूर, पंजाब में लुधियाना पश्चिम और पश्चिम बंगाल में कालीगंज विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में आज मतदान कराया गया। आयोग ने कहा कि इन पांच विधानसभा क्षेत्रों में सभी 1354 मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के लिए मोबाइल जमा सुविधा का प्रावधान और मतदान में मतदाताओं की भागीदारी के आंकडों (वीटीआर) साझा करने की उन्नत प्रक्रिया लागू की गयी । नयी वीटीआर व्यवस्था से मतदान के आयोग रुझानों को तेजी से अपडेट कर सकता है।
उन्नत वीटीआर साझाकरण प्रक्रिया को भी सफलतापूर्वक लागू किया गया था, जहां प्रत्येक मतदान केंद्र का पीठासीन अधिकारी मतदान के दिन हर दो घंटे में नए ईसीआईएनईटी ऐप पर सीधे मतदाता मतदान दर्ज करने में सक्षम था, ताकि अनुमानित मतदान रुझानों के अद्यतन में समय अंतराल को कम किया जा सके। नयी व्यवस्था में मतदान केंद्र छोड़ने से पहले मतदान अधिकारी मतदान समाप्त होने पर वीटीआर डेटा को अपडेट करते हैं। इसी तरह सभी मतादान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था होने से पूरी मतदान प्रक्रिया की निरंतर निगरानी सुनिश्चित की जा सकती है। इससे सभी पीठासीन अधिकारियों को मतदान का प्रशिक्षण भी होता रहता है।
इन उप चुनावों के लिए लगभग दो दशक में पहली बार किसी उपचुनावों से पहले मतदाता सूची का विशेष सारांश संशोधन (एसएसआर) किया गया था। आयोग ने कहा कि इन उपचुनावों में नए उपायों के सफल कार्यान्वयन से इन्हें बिहार विधानसभा चुनावों में में पूरी तरह से लागू करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
आज के चुनावों में मतदान केन्द्र से बाहर निकलने से पहले पीठासीन अधिकारियों द्वारा मतदान केन्द्र से बाहर निकलने से पहले ईसीआईनेट में मतदाता मतदान डेटा दर्ज किया गया ताकि मतदान केन्द्र से बाहर निकलने के बाद नेटवर्क कनेक्टिविटी के अधीन मतदान केन्द्रवार अपडेट किए गए वीटीर ऐप पर मतदान केन्द्रवार अनुमानित प्रतिशत उपलब्ध हो सके।
जहाँ मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध नहीं है, वहाँ प्रविष्टियाँ ऑफ़लाइन की जा सकती हैं और कनेक्टिविटी बहाल होने के बाद सिंक की जा सकती हैं।...////...