11-Jun-2024 11:50 PM
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नयी दिल्ली 11 जून (संवाददाता) भारतीय विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में अब छात्रों को दो बार दाखिला लेने का मौका मिलेगा।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विदेशी विश्वविद्यालयों की तर्ज पर देश के विश्विद्यालयों में वर्ष में दो बार प्रवेश देने की योजना को मंजूरी प्रदान कर दी है। यूजीसी अध्यक्ष जगदीश कुमार ने यह जानकारी मंगलवार को दी। उन्होंने बताया कि शिक्षण सत्र 2024-25 से जुलाई-अगस्त और जनवरी-फरवरी में दो बार प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
उन्होंने कहा, "यदि भारतीय विश्वविद्यालय वर्ष में दो बार प्रवेश दे सकें, तो इससे ऐसे छात्रों को लाभ होगा, जो बोर्ड परीक्षा के परिणामों की घोषणा में देरी, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं या व्यक्तिगत कारणों से जुलाई-अगस्त सत्र में किसी विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने से चूक जाते हैं।”
उन्होंने कहा, "साल में दो बार विश्वविद्यालयों में वर्ष में दो बार प्रवेश की सुविधा मिलने से विद्यार्थियों के एक वर्ष इंतजार नहीं करना पड़ेगा। साल में दो बार प्रवेश के साथ उद्योग जगत के लोग भी वर्ष में दो बार अपने ‘कैंपस’ चयन की प्रक्रिया संचालित कर सकते हैं, जिससे स्नातकों के लिए रोजगार के अवसर बेहतर होंगे।”
श्री कुमार ने बताया कि साल में दो बार प्रवेश से उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईआई) को अपने संसाधन वितरण, जैसे संकाय, प्रयोगशाला, कक्षाएं और सहायक सेवाओं की योजना अधिक कुशल बनाने में मदद मिलेगी और इसके कारण विश्वविद्यालय के भीतर सुगमता से कामकाज होगा।
उन्होंने कहा, "दुनियाभर के विश्वविद्यालय पहले से ही द्विवार्षिक प्रवेश प्रणाली का पालन कर रहे हैं। यदि भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान द्विवार्षिक प्रवेश चक्र को अपनाते हैं, तो हमारे उच्च शिक्षा संस्थान अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोग और छात्र आदान-प्रदान को बढ़ा सकते हैं। इससे हमारी वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सुधार होगा और हम वैश्विक शैक्षिक मानकों के अनुरूप होंगे।”
उन्होंने कहा, "यदि उच्च शिक्षा संस्थान द्विवार्षिक प्रवेश को अपनाते हैं, तो उन्हें प्रशासनिक पेचीदगियों को दूर करने, उपलब्ध संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए अच्छी योजना बनाने तथा वर्ष के अलग-अलग समय में प्रवेश पाने वाले छात्रों के साथ सुचारु तरीके से तालमेल बैठाने की खातिर निर्बाध सहायता प्रणाली प्रदान करनी होगी। उच्च शिक्षा संस्थान द्विवार्षिक प्रवेश की उपयोगिता को तभी अधिकतम कर सकते हैं, जब वे संकाय सदस्यों, कर्मचारियों और छात्रों को बदलाव के लिए पर्याप्त रूप से तैयार करें। ” उन्होंने हालांकि स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालयों के लिए साल में दो बार प्रवेश देना अनिवार्य नहीं होगा और जिन उच्च शिक्षण संस्थानों के पास आवश्यक ढांचा और शिक्षक संकाय है, वे इस अवसर का लाभ उठा सकते हैं।...////...