06-Nov-2023 10:11 PM
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नयी दिल्ली 06 नवंबर (संवाददाता) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि जी 20 की भारत की अध्यक्षता में वित्तीय समावेशन के लिए वैश्विक साझेदारी पर किए गए मूलभूत कार्यों को आगे बढ़ाने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
श्रीमती सीतारमण ने आज यहां 'मजबूत, सतत, संतुलित और समावेशी विकास' पर जी20 वेबिनार का शुभारंभ करते हुये कहा कि जी20 नई दिल्ली नेताओं की घोषणा (एनडीएलडी) वैश्विक अर्थव्यवस्था के सामने आने वाली कुछ गंभीर चुनौतियों का समाधान करती है और जन-केंद्रित सिद्धांतों और विश्वास-आधारित साझेदारी पर आधारित भविष्य के लिए नीति मार्गदर्शन भी प्रदान करती है।
उन्होंने कहा कि एनडीएलडी मानता है कि अच्छी तरह से एकीकृत और पर्याप्त रूप से कुशल श्रमिक मूल और गंतव्य देशों को समान रूप से लाभान्वित करते हैं और विश्व स्तर पर कौशल अंतराल को संबोधित करने के महत्व पर भी जोर देते हैं और इस संबंध में व्यापक नीति मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। श्रीमती सीतारमण ने विश्व स्तर पर कौशल में अंतर पर कहा कि क्रॉस-कंट्री तुलनीयता और कौशल और योग्यता की पारस्परिक मान्यता और अपस्किलिंग और रीस्किलिंग के लिए व्यापक टूल किट की सुविधा के लिए जी20 नीति प्राथमिकताओं को रेखांकित किया।
वित्त मंत्री ने कहा, “भारत के इंडिया स्टैक के सफल कार्यान्वयन से प्रेरणा लेते हुए, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) के माध्यम से वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने के लिए जी20 नीति सिफारिशों को नई दिल्ली के नेताओं की घोषणा में समर्थन दिया गया था। ये सिफारिशें अच्छी तरह से संरचित डीपीआई विकसित करने, जोखिम-प्रबंधित नियामक ढांचे की स्थापना, मजबूत शासन को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने पर मार्गदर्शन प्रदान करती हैं कि डीपीआई सभी की सेवा करें। डीपीआई को 2024-26 के लिए जी 20 नई वित्तीय समावेशन कार्य योजना में भी शामिल किया गया है।”
उन्हाेंने कहा कि भारत अब वित्तीय समावेशन के लिए वैश्विक साझेदारी का सह-अध्यक्ष है, जिसे कार्य योजना के कार्यान्वयन का काम सौंपा गया है, अध्यक्षता वर्ष के दौरान किए गए मूलभूत कार्यों को आगे बढ़ाने में हमारी महत्वपूर्ण भूमिका होगी।...////...