आम जनता की छोटी-छोटी समस्याओं का तत्काल हो निराकरण –भूपेश
06-May-2022 09:22 PM 4687
रामानुजगंज 06 मई(AGENCY)छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों को आम जनता की छोटी-छोटी समस्याओं का तत्काल निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। श्री बघेल ने भें-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान आज स्थानीय अधिकारियों से मुलाकात के दौरान यह निर्देश देते हुए कहा कि अधिकारी किसानों की समस्याओं का प्राथमिकता से निराकरण करें। पुलिस की कार्यशैली भी लोगों को न्याय दिलाने की होनी चाहिए। त्वरित न्याय से लोगों को संतोष मिलता है।उन्होने कहा कि नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन आदि राजस्व संबंधी मामलों का त्वरित निराकरण हो और अभिलेख दुरुस्त किया जाए। रिकॉर्ड में विसंगति नहीं होनी चाहिए। उन्होने कहा कि लो वोल्टेज की समस्या की जानकारी मिली है, जिसके कई तकनीकी और गैर तकनीकी कारण है, उनका समाधान किया जाए। जहां अतिरिक्त ट्रांसफार्मर की आवश्यकता है, वहां इसकी व्यवस्था हो। हुकिंग के माध्यम से बिजली के उपयोग को सख्ती से रोके, इससे लोड बढ़ता है, उपभोक्ताओं को परेशानी होती है और साथ ही राजस्व की भी क्षति होती है। उन्होंने कहा कि शासन की सभी योजनाएं और कार्यक्रम में सीधे जनता से जुड़े हैं। हाट बाजार क्लीनिक योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान हो या अन्य लोकहितैषी योजना सबका लाभ लोगों को मिले। श्री बघेल इसके बाद प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र के गोविंदपुर पहुंचे,जहां पर उन्होने क्षेत्र के विकास के लिए अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं की। उन्होंने माता राजमोहिनी समाधि स्थल परिसर में गेट निर्माण, सौंदर्यीकरण और अहाता निर्माण के लिए 50 लाख रुपए देने की घोषणा। इसी प्रकार झरिया ज्वाला देवी मंदिर का सौंदर्यीकरण, 33/11 केवी सबस्टेशन की स्थापना की घोषणा की। विद्युत उप केन्द्र की स्थापना से आप-पास के 95 गांवों को फायदा होगा। उन्होने हाथी की समस्या से निपटने के लिए इस क्षेत्र के 11 गांवों में 33 जगहों पर सोलर लाइट लगाने, गोविंदपुर में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की शाखा खोलने, 11 नंबर चौकी से रमकोटा मार्ग निर्माण की घोषणा की। ग्रामीणों की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने गोविंदपुर में आवर्ती चराई गौठान निर्माण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के निलंबन की कार्यवाही की घोषणा भी की। श्री बघेल ने सूरजपुर जिले के सीमावर्ती गांव केरता में माँ महामाया शुगर फैक्टरी में गन्ना उत्पादक किसानों से मुलाकात की। उन्होने कहा कि भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने की तर्ज़ पर यहाँ भी पीपीपी मॉडल पर गन्ने से एथेनॉल बनाने का यूनिट लगाया जाना उचित होगा। संचालक मंडल के निर्णय के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने इस मौके पर गन्ना उपजाने वाले किसानों की मांगों और समस्याओं की जानकारी ली। उन्होने किसानों से चर्चा के दौरान कारखाने के संचालक मंडल ने कारखाने की पेराई केपेसिटी दो हज़ार पांच सौ मैट्रिक टन से बढ़ाकर तीन हज़ार पांच सौ मैट्रिक टन करने के लिए आवश्यक सहयोग और मदद की आवश्यकता जताई। गौरतलब है कि केरता शुगर फैक्ट्री से आसपास के गॉवों के लगभग 15 हज़ार गन्ना उत्पादक किसान पंजीकृत हैं। लगभग 11 हज़ार हेक्टेयर से अधिक रकबे में गन्ना उगाया जाता है और फैक्टरी को बेचा जाता है।...////...
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