अब राष्ट्रीय लोक मोर्चा के नाम से जानी जाएगी कुशवाहा की पार्टी
18-Feb-2024 07:54 PM 4317
पटना 18 फरवरी (संवाददाता) पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल (रालोजद) को अब चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के रूप में निबंधित किया है। रालोजद के संस्थापक उपेन्द्र कुशवाहा ने रविवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि चुनाव आयोग ने उनकी पार्टी के पंजीकरण के लिए कम से कम तीन और नाम सुझाने को कहा था क्योंकि रालोजद पहले से पंजीकृत कई अन्य राजनीतिक दलों के नामों के समान था। चुनाव आयोग द्वारा पूछे जाने पर उन्होंने तीन नाम सुझाए थे और अंततः उचित प्रक्रिया के बाद राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) को उनकी पार्टी के नाम के रूप में पंजीकृत किया गया। श्री कुशवाह ने कहा, "यह हमारी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए सुखद है कि चुनाव आयोग ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी को एक नए नाम के साथ पंजीकृत किया है।" उन्होंने कहा कि आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने के बाद जल्द ही उनकी पार्टी को चुनाव चिन्ह भी आवंटित किया जाएगा। आरएलएम प्रमुख ने एक सवाल पर स्पष्ट किया कि किसी भी पार्टी का चुनाव चिन्ह उसके पंजीकरण के साथ ही आयोग द्वारा नहीं दिया जाता है। उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा हैं। राजग के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे की व्यवस्था के अनुसार उनकी पार्टी बिहार में आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों पर मजबूत तैयारी कर रही है। सभी सीटों पर तैयारी करना स्वाभाविक है, तभी उनकी पार्टी खुद चुनाव लड़ने वाली सीटों के अलावा अपने सहयोगियों का समर्थन करने की स्थिति में होगी। आरएलएम अध्यक्ष ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बयान कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए दरवाजे हमेशा खुले हैं पर कहा कि बिहार में राजद के सत्ता खोने के बाद वह हताशा में ऐसी बातें कर रहे हैं। यह निश्चित है कि मुख्यमंत्री श्री कुमार द्वारा 28 जनवरी को राजग सरकार बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिलाने के लिए महागठबंधन से अलग होने के बाद श्री यादव नाराज थे। उल्लेखनीय है कि पिछले साल फरवरी में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) से नाता तोड़ने के बाद श्री उपेंद्र कुशवाह ने रालोजाद का गठन किया था। जदयू के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के साथ मतभेद के बाद उन्होंने जदयू से नाता तोड लिया था।...////...
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