जबलपुर में जैन तीर्थ में आचार्य विद्यासागर देंगे दीक्षा, पूरा जीवन दो कपड़ों में गुजारना होगा, अफसर बेटे ने कहा-
14-Aug-2021 12:34 PM 2639
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के सचिव IAS अफसर राहुल जैन के पिता मल्ल कुमार जैन (72) शनिवार को वैराग्य ले रहे हैं। तिलवारा स्थित दयोदय तीर्थ में आचार्यश्री विद्यासागर महाराज उन्हें छुल्लक (वैराग्य) की दीक्षा देंगे। इसी के साथ उनकी पुरानी पहचान समाप्त हो जाएगी। आचार्यश्री सभी को नया धार्मिक नाम सागर के साथ देंगे। अब जीवनभर यही उनकी पहचान होगी। आईएएस अफसर राहुल जैन के मुताबिक उनके पिता मल्ल कुमार जैन घर में भी वैरागी जैसा जीवन जी रहे थे। बैंक ऑफ इंडिया से रिटायर होने के बाद अपना जीवन आचार्य विद्यासागर की प्रेरणा से गायों को बचाने के लिए समर्पित कर दिया था। दयोदय महासंघ के अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने देश भर में लाखों गायों की जीवन की रक्षा की। उन्होंने कई बार अपने गुरु आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज से वैराग्य का आग्रह किया था। दो दिन पहले आचार्य विद्यासागर ने क्षुल्लक दीक्षा देने की मंजूरी दी। इसी के साथ उनके दीक्षा पूर्व के संस्कार शुरू हुए। पिता के फैसले के बाद राहुल जैन बेहद भावुक हैं। वे भी दयोदय तीर्थ में पिता के दीक्षा समारोह में शामिल होने आए हैं। दयोदय तीर्थ स्थल में दोपहर एक बजे आचार्यश्री विद्यासागर महाराज जबलपुर निवासी मल्ल कुमार जैन उर्फ मल्लू भैया, गढ़ा निवासी निर्मलचंद, लम्हेटा निवासी मुन्ना और चमन उजयामूरी सहित 23 लोगों को छुल्लक की दीक्षा देंगे। छुल्लक की दीक्षा देने से पहले तीन दिन की प्रक्रिया चल रही थी। छुल्लक की दीक्षा लेने के लिए 50 लोगों ने आचार्यश्री से आग्रह किया था, लेकिन उनकी परीक्षा में 23 ही इस योग्य निकले। इस तरह होता है चयन छुल्लक की दीक्षा लेने जा रहे सभी 23 लोगों ने अपने जीवन में पहले ही संयम के साथ कठोर व्रत शुरू कर दिया था। सांसारिक वस्तुओं का त्याग करने लगे थे। संकल्प लेकर गरम कपड़ों का त्याग, चटाई पर सोना, बाहर की वस्तुओं का त्याग, एक बार पिसा आटा तीन दिन तक ही उपयोग करने के नियम का पालन पहले से ही कर रहे थे। ये सब कुछ कई वर्षों तक करने के बाद आचार्यश्री उनके जीवन वृत्त को परखते हैं। उनकी परीक्षा लेते हैं। कठोर निर्जल व्रत का पालन कराते हैं। इसके बाद छुल्लक की दीक्षा की अनुमति मिलती है। आचार्यश्री खुद छुल्लक की दीक्षा लेने जा रहे सभी 23 लोगों के परिवारजन से बात करते हैं। विनय ब्रह्मचारी जी काउंसलिंग करते हैं। जब परिवार वालों की अनुमति मिलती है, उसके बाद छुल्लक की दीक्षा दी जाती है। छुल्लक की दीक्षा से पहले ये संस्कार जरूरी दीक्षा लेने जा रहे मल्ल कुमार जैन सहित सभी 23 लोगों ने परिवार, रिश्तेदार, मित्रों और अपने सभी जानने वालों से जाने-अनजाने में हुई भूल को लेकर क्षमा मांगी। परिवार से दीक्षा लेने की अनुमति मिलने के बाद बिनौरी (टीका) का संस्कार हुआ। सभी को दूल्हे की तरह सजाया गया। हाथों में मेहंदी लगाई गई। टीका लगाया गया। समाज के महिला-पुरुषों ने उनकी गोद भराई की। परिवार सहित सभी जानने वालों ने अपनी ओर से आखिरी भेंट दी। इसके बाद उनकी विदाई की गई और वे सभी दयोदय पहुंचे। केश उतारने का संस्कार गुरुवार 13 अगस्त को दयोदय में दीक्षा लेने जा रहे मल्ल कुमार जैन सहित सभी लोगों का केस उतारने का संस्कार किया गया। दो इंच की दाढ़ी, मूछ और सिर के बालों को एक-एक कर जड़ से उखाड़ा जाता है। इस दौरान खून तक निकल आता है। इस पर कोयले की राख लगा दी जाती है। छुल्लक की दीक्षा लेने जा रहे व्रतियों को उस्तरे का प्रयोग वर्जित हो जाता है। आज शनिवार को वे निर्जल उपवास रखेंगे। दोपहर एक बजे अपनों के सामने उन्हें छुल्लक की दीक्षा दी जाएगी। इसी के साथ उनकी पुरानी पहचान समाप्त हो जाएगी। सागर के साथ नया धार्मिक नाम मिलेगा, जो जीवन पर्यंत उनकी पहचान होगी। मल्ल कुमार जैन के बेटे केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल का सचिव है 72 वर्षीय मल्ल कुमार जैन के बेटे राहुल जैन 2005 बैच के आईएएस हैं। वर्तमान में वे केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल के सचिव हैं। मल्ल कुमार जैन की दो बेटियां रूपाली और रश्मि हैं। वे अभी तक देशभर में संचालित दयोदय गौशाला महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। वैराग्य के पथ पर निकल चुके मल्ल कुमार जैन को घर से दूल्हे की तरह विदा किया गया। घर, मोहल्ला व समाज के लोग विदाई यात्रा में उमड़ पड़े। धन-वैभव छोड़कर वैराग्य की राह छुल्लक की दीक्षा लेने जा रहे सभी 23 लोगों में अधिकतर धन-वैभव को छोड़कर वैराग्य की राह पर चल पड़े हैं। नरसिंहपुर निवासी महेंद्र कुमार जैन जिले के बड़े संपन्न परिवार से हैं। इसी तरह 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला के पति भी वैराग्य की राह पर चल पड़े हैं। इससे पहले उनकी दो बेटियां व बेटा वैराग्य ले चुके हैं। अब परिवार में सिर्फ बुजुर्ग दादी मां ही बची हैं। आज उनकी आंखों के सामने पति वैराग्य लेने जा रहे हैं। आगे इस तरह जीवन गुजरेगा छुल्लक की दीक्षा लेने के साथ ही दो वस्त्र (लंगोटी व दुपट्‌टा) ही पहनने होंगे। छुल्लक की दीक्षा लेने वालों का जीवन मुनि की कठोर जीवन से थोड़ा हल्का रहता है। उन्हों दो वक्त के भोजन, गाड़ी से चलने की अनुमति रहती है। प्राय: दीक्षा ले चुके लोग इससे बचते हैं। वे जीवन में संयम व कठोर व्रत धारण करते हुए एलक (एक वस्त्र धारण करने वाला) की राह पर अग्रसर हो जाते हैं। दीक्षा लेने के बाद जैन आश्रम में उनका जीवन गुजरेगा। इसके अलावा आचार्यश्री जहां भी दीक्षा, प्रवचन, चातुर्मास करेंगे, वहां उनके साथ रहेंगे। मुनि की दीक्षा में सम्पूर्ण वस्त्र का त्याग करना पड़ता है। मुनि की दीक्षा लेने वाले को कठोर नियमों का पालन करना पड़ता है। jabalpur..///..acharya-vidyasagar-will-give-initiation-in-jain-pilgrimage-in-jabalpur-will-have-to-spend-the-whole-life-in-two-clothes-the-officers-son-said-311434
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