अधिकारियों की कलम अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति के हित में चले : गहलोत
30-Dec-2021 09:39 PM 1964
जयपुर, 30 दिसम्बर (AGENCY) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हर अधिकारी के सेवाकाल में कुछ मुश्किल और चुनौती भरे क्षण भी आते हैं, लेकिन अधिकारी कार्यकुशल, ईमानदार एवं संवेदनशील है तो सफलतापूर्वक इनका सामना कर पाता है और समाज में उसे भरपूर मान-सम्मान मिलता है। श्री गहलोत आज यहां हरीशचन्द्र माथुर लोक प्रशासन संस्थान में राजस्थान राज्य सेवाओं के वर्ष 2021 बैच के आधारभूत प्रशिक्षण शुभारम्भ कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नये अधिकारी सादगी के साथ आवश्यकताओं को सीमित रखते हुए संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन के संकल्प को साकार करें। जब भी कलम चलाएं तो आपकी दृष्टि में समाज के निर्धनतम और अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति का हित सर्वोपरि होना चाहिए। श्री गहलोत ने इन सब नवचयनित अधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे सकारात्मक सोच के साथ अपनी भावी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें। लम्बे करियर में उन्हें कई बार आलोचना का सामना करना पड़ सकता है। ऎसे में बदले की भावना रखे बिना संयमित व्यवहार एवं शालीनता के साथ आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि कई बार तकनीकी खामियों या न्यायालयों में वाद दायर होने के कारण भर्तियाें को पूरा करने में समय लग जाता है, लेकिन राज्य सरकार इन सब अड़चनों को दूर कर भर्ती एवं नियुक्ति प्रक्रिया को समयबद्ध बनाने का हरसंभव प्रयास कर रही है। न्यायालयों में विचाराधीन मामलों में प्रभावी पैरवी कर युवाओं को शीघ्र नियुक्तियां दी गई हैं। इसी का परिणाम है कि तीन साल में करीब एक लाख नियुक्तियां दी गई हैं और इतने ही पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है। कार्यक्रम में मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने राज्य सेवाओं में प्रविष्ट हो रहे सभी अधिकारियों से कहा कि इस समय आपका व्यक्तित्व एक खुली किताब की तरह है। यहां जो सीख मिलेगी वह पूरे सेवाकाल में साथ चलेगी। उन्होंने कहा कि अधिकारी के रूप में हम सभी को समाज में हो रहे बदलावों और सामाजिक आवश्यकताओं के अनुरूप निर्णय करने होते हैं और आप सभी को सामाजिक व्यवस्थाओं का निरंतर विश्लेषण करना चाहिए।...////...
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