16-Jan-2022 10:45 PM
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पटना 16 जनवरी (AGENCY) सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से करने के बाद बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रमुख घटक जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच शुरू हुआ विवाद अब शराबबंदी को लेकर तूल पकड़ता जा रहा है।
राजग गठबंधन में बड़े दल भाजपा ने शराबबंदी को लेकर जदयू एवं सरकार के मुखिया नीतीश कुमार को पानी-पानी कर दिया है। ऐसा करारा जवाब पिछले पांच सालों में मुख्यमंत्री श्री कुमार और उनकी पार्टी को भाजपा की तरफ से नहीं मिला था। इस बार सीधे-सीधे प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने ही जदयू एवं मुख्यमंत्री श्री कुमार को निशाने पर लिया है। सहयोगी दल ने ही सुशासन की सरकार पर सवाल खड़ा किया है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद डॉ. संजय जायसवाल आज सोशल मीडिया पर लिखा, “नालंदा जिले में जहरीली शराब से 11 मौतें हो चुकी हैं। शुक्रवार को मुझसे जहरीली शराब पर जदयू के प्रदेश प्रवक्ता ने प्रश्न पूछा था। आज मेरा प्रश्न उस दल से है कि क्या इन 11 लोगों के पूरे परिवार को जेल भेजा जाएगा क्योंकि अगर कोई जाकर उनके यहां सांत्वना देता तो आपके लिए अपराध है।”
डॉ. जायसवाल ने कहा कि यदि शराबबंदी लागू करनी है तो सबसे पहले नालंदा प्रशासन द्वारा गलत बयान देने वाले उस बड़े अफसर की गिरफ्तारी होनी चाहिए क्योंकि प्रशासन का काम जिला चलाना होता है न कि जहरीली शराब से मृत व्यक्तियों को अजीबोगरीब बीमारी से मरने का कारण बताना। यह साफ बताता है कि प्रशासन स्वयं शराब माफिया से मिला हुआ है और उनकी करतूतों को छुपाने का काम कर रहा है।
भाजपा अध्यक्ष इतने भर से नहीं रुके उन्होंने कहा कि दूसरे अपराधी वहां के पुलिस वाले हैं, जिन्होंने अपने इलाके में शराब की खुलेआम बिक्री होने दी। दस वर्ष का कारावास इन पुलिस कर्मियों को होनी चाहिए न कि इन्हें दो महीने के लिए सस्पेंड करके नया थाना देना, जहां वह यह सब काम चालू रख सकें। उन्होंने कहा कि पुलिस-प्रशासन सबसे बड़ा अपराधी है उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजें।...////...