भाजपा ने सहारनपुर में पुराने महारथियों से ही सजाया चुनावी रणक्षेत्र
15-Jan-2022 11:03 PM 3607
सहारनपुर,15 जनवरी (AGENCY) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर मंडल की 16 सीटाें पर अधिकांशत: पिछले चुनाव के उम्मीदवारों पर ही इस बार भी दांव लगाया है। भाजपा की शनिवार काे जारी 105 प्रत्याशियों की पहली सूची में सहारनपुर मंडल की सिर्फ उन्हीं सीटों पर नये चेहरे उतारे हैं जिस पर पिछले प्रत्याशी की मौत या दल बदल हो गया हो। जिले की बेहट सीट पर भाजपा ने कांग्रेस से आये विधायक नरेश सैनी को टिकट दिया है। सैनी, पिछला चुनाव भाजपा के प्रत्याशी महावीर राणा को हराकर जीते थे। इस बार सैनी का मुकाबला कांग्रेस से सपा में शामिल हुये इमरान मसूद से हो सकता है। भाजपा छोड़कर शुक्रवार को सपा में गये पूर्व राज्यमंत्री धर्म सिंह सैनी जिले की नकुड़ सीट से छठी बार चुनाव में सपा रालोद गठबंधन से चुनाव मैदान में उतरना लगभग तय है। भाजपा ने कुछ माह पूर्व कांग्रेस से आये जिला पंचायत सदस्य मुकेश गुर्जर को इस सीट पर उम्मीदवार बनाया है। सहारनपुर देहात सीट से भाजपा ने जगपाल सिंह को टिकट दिया है। सिंह पिछले चुनाव में बसपा के टिकट पर लड़े थे और कांग्रेस के मसूद अख्तर से 12 हजार 324 मतों से पराजित हुये थे। मायावती के करीबी रहे सिंह पखवाड़े भर पहले ही भाजपा में शामिल हुए थे। सहारनपुर देहात, दलित मतदाताओं की बहुलता होने के बावजूद सामान्य सीट है। भाजपा ने इस सीट पर दलित उम्मीदवार उतारा है। सपा के मसूद अख्तर इस सीट से उम्मीदवारी की दावेदारी कर रहे हैं। सहारनपुर नगर सीट पर भाजपा ने पंजाबी समाज के राजीव गुंबर का उम्मीदवार बनाया है। वह सपा नेता और तीसरी बार विधायक संजय गर्ग से पिछला चुनाव हार गये थे। वहीं, रामपुर मनिहारान (सु) सीट पर भाजपा ने पिछले चुनाव में मात्र 595 वोट से जीते देवेंद्र निम को फिर से उम्मीदवार बनाया है। देवबंद सीट पर भाजपा अपने विधायक बृजेश रावत के टिकट काटने का जोखिम नहीं उठा पाई। उनके जबरदस्त विरोध की भाजपा ने अनदेखी करते हुए उन्हें उम्मीदवार घोषित किया। जबकि, गंगोह सीट पर उप चुनाव में जीते कीरत सिंह चौधरी को भाजपा से टिकट मिला है। इस सीट पर कल ही बसपा में शामिल हुये इमरान मसूद के भाई नोमान मसूद से चुनौती मिलेगी। इस सीट पर सपा-रालोद के संभावित उम्मीदवार चौधरी इंद्रसैन हो सकते हैं। पिछले चुनाव में भी दोनों चौधरियों के बीच मुख्य मुकाबला हुआ था। कैराना सीट पर मौजूदा सपा विधायक नाहिद हसन से शिकस्त खा चुकी चौधरी हुकम सिंह की बेटी मृगांका सिंह पर भाजपा ने फिर विश्वास जताया है। इस सीट से गठबंधन के संभावित उम्मीदवार नाहिद हसन को इस बार रालोद के समर्थन का भी लाभ मिल सकता है। शामली सीट पर भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक जाट बिरादरी के देवेंद्र निर्वाल को फिर टिकट दिया हैै। थाना भवन की वीआईपी सीट पर तीसरी बार प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा भाजपा का चेहरा होंगे। उन्होंने पिछले चुनाव में बसपा के अब्दुल वारिस को 16 हजार 817 मतों से हराया था। इस सीट पर अभी सपा-रालोद का उम्मीदवार घोषित नहीं हुआ है। सहारनपुर मंडल के मुजफ्फरनगर जनपद की छह सीटों पर भाजपा ने दो उम्मीदवार बदले है। मुजफ्फरनगर से राज्य मंत्री कपिल देव अग्र्रवाल, भाकियू के गढ़ बुढाना से विधायक उमेश मलिक, चरथावल से दिवंगत राज्य मंत्री विजय कश्यप की पत्नी ममता कश्यप उम्मीदवार बनाई गई है। कश्यप के सामने हाल ही में सपा में शामिल हुये हरेंद्र मलिक के बेटे पंकज मलिक सपा-रालोद गठबंधन के उम्मीदवार है। पुरकाजी (सु) सीट से विधायक प्रमोद ऊंटवाल और खतौली से विधायक विक्रम सैनी भाजपा से टिकट पाने में सफल रहे। मीरापुर सीट के भाजपा विधायक अवतार सिंह भडाना दल बदलकर बुलंदशहर जिले में रालोद से टिकट पा गये हैं। उनकी जगह बसपा के पूर्व एमएलसी प्रशांत चौधरी को मीरापुर से भाजपा का टिकट मिला है। उनका मुकाबला सपा-रालोद के उम्मीदवार चंदन सिंह चौहान से होगा। वह सपा के पूर्व विधायक संजय चौहान के बेटे हैं। चंदन के दादा चैन नारायण सिंह जनता पार्टी की बाबू बनारसी दास सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे है। कुल मिलाकर सहारनपुर मंडल की 16 सीटों में से भाजपा ने मात्र पांच सीटों बेहट, नकुड़, सहारनपुर देहात, मीरापुर और चरथावल सीटों पर ही नए उम्मीदवार उतारे है। मौजूदा विधायकोें का उनके चुनाव क्षेत्रों में जबरदस्त विरोध और सत्ता विरोधी रूझान इनकी चुनौती में इजाफा कर सकता है। भाजपा नेतृत्व ने नए उम्मीदवार उतारने को पूरी कोशिश तो की लेकिन हाल ही में हुयी बगावत से उसे कदम खींचने पड़े।...////...
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