स्वामी प्रसाद किसी को क्या मुख्यमंत्री बनायेंगे: मायावती
15-Jan-2022 09:35 PM 8471
लखनऊ 15 जनवरी (AGENCY) बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने खुद को पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद का एकमात्र दावेदार बताते हुये कहा कि इसके लिये उन्हे चुनाव लड़ने की कोई जरूरत नहीं है। शनिवार को अपने जन्मदिन के मौके पर पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य पर करारा हमला करते हुये मायावती ने कहा “ दलबदलू स्वामी प्रसाद मौर्य किसी को क्या मुख्यमंत्री बनायेेंगे। वास्तव में बसपा में आने के बाद ही उनकी किस्मत खुली और एमएलए बने। पहले बहुत पार्टियों में रहे लेकिन चुनाव नहीं जीत पाए। उनके जो भी दावे हैं वे सब बेकार हैं व सब हवा-हवाई बातें हैं। बीजेपी वाले सर्वसमाज के बहाने इसको ढोते रहे। अब उनकी जुबान कैसी है यह सभी देख रहे हैं।” उन्होने कहा कि वह पार्टी के हित में सीधा चुनाव ना लड़कर अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव जीत कर भी प्रदेश की बागडोर सम्भाल सकती हैं। विरोधियों को उनके खिलाफ कोई मुद्दे नहीं मिल रहे हैं, इसलिये वे अब उनके चुनाव ना लड़ने को भी लेकर जानबूझ कर षडयंत्र के तहत इसे आए दिन उछालते हैं और जनता को ऐसा इम्प्रेशन भी देते हैं जैसे उन्होने कभी कोई चुनाव ही नहीं लड़ा है, जबकि इनको यह मालूम होना चाहिये कि वह चार बार लोकसभा और तीन बार राज्यसभा की सदस्य रह चुकी हैं। इसके इलावा, दो बार यूपी विधानसभा में व दो बार यूपी विधान परिषद की भी सदस्य रह चुकी हैं। मायावती ने कहा कि उन्होने कहा कि जब तक बसपा संस्थापक कांशीराम स्वस्थ रहे ,वह अधिकांश चुनाव लड़ती थी और ज्यादातर चुनाव जीतकर भी आती थी लेकिन उनके बीमार रहने व देहान्त के बाद पार्टी की पूरी जिम्मेवारी आ गई। ऐसे में उन्होने अपनी पार्टी व मूवमेन्ट के हित में सीधा चुनाव लड़ने की बजाय फिर पार्टी के उम्मीदवारों को ही जिताना जरूरी समझा है। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुये उन्होने कहा कि 2012-2017 के दौरान सपा सरकार ने एससी, एसटी का सरकारी ठेकों में न सिर्फ आरक्षण खत्म किया बल्कि इस वर्ग के छात्रों का विदेश जाकर पढ़ाई करने की योजना को खत्म किया। पंचशील नगर का नाम बदलकर हापुड़ किया। संत रविदास नगर का नाम बदलकर भदोही किया। भीम नगर का नाम बदलकर संभल किया। छत्रपति शाहूजी महाराज मेडिकल यूनिवर्सिटी का नाम बदलकर किंग जॉर्ज मेडिकल किया। कांशीराम कृषि विश्वविद्यालय बाँदा का नाम बदल दिया। कोर्ट के निर्णय की आड़ में अनुसूचित जाति जनजाति के कर्मचारियों का ग़लत तरीके से डिमोशन किया। उन्होने कहा कि सपा सरकार ने अनुसूचित जाति जनजाति के छात्रों का शून्य शुल्क पर प्रवेश समाप्त किया। अनुसूचित जाति जनजाति के छात्रों की शुल्क प्रतिपूर्ति पर 60 प्रतिशत की बाध्यता लगाकर उनकी छात्रवृत्ति रोकने का काम किया। कांशीराम अरबी फारसी विश्वविद्यालय का नाम बदलने का काम किया। गोमती नगर में डा. भीमराव अम्बेडकर पार्क जो बसपा की सरकार में बनाया गया था उसका नाम बदलकर जनेश्वर मिश्र पार्क कर दिया। सरकारी भूमि आवंटन में एससी, एसटी को मिलने वाली प्राथमिकता को खत्म किया। एससी, एसटी की भूमि खरीद को लेकर नया संशोधन लेकर आये जिसमें बिना डीएम की अनुमति के कोई भी उनकी जमीन खरीद सकता था जिससे इन कमजोर वर्गाें की जमीन को हथिया जाया सके।...////...
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