13-Apr-2022 07:20 PM
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जालंधर 13 अप्रैल (AGENCY) भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया ने बुधवार को कहा कि भारत की छवि कभी खाद्यान्न की कमी वाले देश की थी वह आज रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण खाद्यान्न की कमी का सामना कर रहे देशों की मदद के लिए तैयार है।
श्री कालिया ने बुधवार को यहां केन्द्र में मोदी सरकार की उपलव्धियों को गिनाते हुए कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ बैठक में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि अगर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यू.टी.ओ) अनुमति दे तो भारत खाद्य कमी का सामना कर रहे विश्व के देशों की मदद करने के लिए तैयार है। श्री कालिया ने कहा कि भारत बड़े पैमाने पर दुनिया की मदद करने के अलावा, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार 2020 से 80 करोड़ भारतीयों को मुफ्त में राशन की आपूर्ति कर रही है। श्री मोदी ने 2020 में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना शुरू की है और इसे सितंबर 2020 तक बढ़ा दिया है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना दुनिया का सबसे बड़ा कार्यक्रम है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना कई देशों की जनसंख्या से अधिक को कवर करती है। पांच चरणों के तहत मोदी सरकार ने राज्यों के माध्यम से 759 लाख टन खाद्यान्न मुफ्त दिया है, जिसमें से 690 लाख टन राज्यों द्वारा वितरित किया गया है। अप्रैल 2022 से सितंबर 2022 तक छठे चरण के वितरण के लिए 224 लाख टन राज्यों को हस्तांतरित किया गया है। मोदी सरकार 80,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च वहन कर रही है। इस योजना पर अप्रैल 2020 से सितंबर 2022 तक कुल खर्च 3.40 लाख करोड़ रूपये हुआ। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पांचवें और छठे चरण के दौरान राज्यों के माध्यम से 1003 लाख टन खाद्यान्न वितरित किया है। इस योजना के तहत खाद्यान्न 3,68,372 एफपीओ के माध्यम से वितरित किया जा रहा है और 3,58,581 पीओएस 10 प्रतिशत खाद्यान्न एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना के माध्यम से वितरित किया जा रहा है।
लॉकडाउन के दौरान गरीब परिवार के प्रत्येक व्यक्ति को प्रति माह पांच किलो अतिरिक्त गेहूं के अलावा प्रति व्यक्ति प्रति माह पांच किलो गेहूं और प्रति व्यक्ति प्रति माह एक किलो दाल मिल रही है। इस योजना के तहत पंजाब में 38,37,266 लाख टन खाद्यान्न का वितरण किया जा चुका है।...////...