भारत में समतामूलक समृद्धि पर दो रिपोर्ट लिंक्डइन पर साझा की मोदी ने
18-Aug-2023 09:02 PM 7899
नयी दिल्ली, 18 अगस्त (संवाददाता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया साइट लिंक्डइन पर एक पोस्ट में दो हालिया शोध रिपोर्टों का उल्लेख किया है जिनमें व्यक्तिगत आयकर रिटर्न की संख्या में उछाल और पुर्वोत्तर सहित सभी राज्यों के आंकड़ों में सुधार समतामूलक और सामूहिक समृद्धि की दिशा में भारत की उल्लेखनीय प्रगति को दर्शाया गया है। इसमें एक रिपोर्ट एसबीआई रिसर्च और दूसरी आर्थिक विश्लेषक एवं पत्रकार अनिल पद्मनाभन की रिपोर्ट है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आयकर रिटर्न की संख्या की वृद्धि और विस्तार न केवल देश के लोगों की आय में वृद्धि बल्कि नियम कानून के अनुपान तथा सरकार के प्रति जन विश्वास में सुधार को दर्शाता है। पोस्ट के साथ लिंक्डइन पर श्री मोदी की टिप्पणी का लिंग दिया गया है जिसमें प्रधानमंत्री ने कहा है, ‘हाल ही में, मुझे दो गहरी जानकारी देने वाली दो शोधपरक टिप्पणियां देखने को मिलीं। भारत की अर्थव्यवस्था के साथ हृदय से जुड़े लोगों को ये रुचिकर लग सकती हैं। इनमें एक रिपोर्ट एसबीआई रिसर्च की और दूसरा प्रसिद्ध पत्रकार अनिल पद्मनाभन की है।’ प्रधानमंत्री ने लिखा कि इन विश्लेषणों से ये तथ्य उजाकर होते हैं कि भारत समतामूलक और सामूहिक समृद्धि हासिल करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। इसी संदर्भ में उन्होंने इन रिपोर्ट के कुछ आंकड़े भी साझा किए हैं। प्रधानमंत्री ने लिखा है कि एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में आयकर विवरणों के आधार पर बताया गया कि देश में भारित औसत आय नौ वर्षों में 2013-14 के 4.4 लाख रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2022- 23 में 13 लाख रुपये हो गई है। श्री मोदी ने श्री पद्मनाभन के आईटीआर डेटा के अध्ययन का अंश भी साझा किया है जिसमें दर्शाया गया है कि वर्ष 2023-14 में आईटीआर भरने वाले 5-10 लाख रुपये वार्षिक आय वाले करदाताओं की संख्या 37 लाख से बढ कर लगभग एक करोड़ 11 लाख हो गयी। इसी तरह इस दौरान 10-20 लाख रुपये की सालाना आय वाले करदाताओं की संख्या 12 लाख चार हजार से बढ़ कर 45 लाख 55 हजार के करीब पहुंच गयी । इसी तरह 20 से 50 लाख रुपये की आय वाले करदाताओं की संख्या चार लाख दस हजार से बढ़ कर 19 लाख 20 हजार से ऊपर हो गयी। इन नौ वर्षों में 50 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये की वार्षिक आय वाले करदाताओं की संख्या 80 हजार 500 से बढ़ कर 3.32 लाख और एक करोड़ से अधिक वर्षिक आय दिखाने वाले व्यक्तिगत करदाताओं की संख्या करीब 46 हजार 400 से बढ़ कर करीब एक लाख 70 हजार हो गयी। प्रधानमंत्री ने लिखा कि उपरोक्त हर आयवर्ग में कर विवरण जमाकराने वालों की संख्या कम से कम तीन गुना बढ़ी है और कहीं इसमें करीब चार गुना उछाल आया है। उन्होंने लिखा है कि इस मामले में इन नौ वर्षों में सभी राज्यों से संबंधित आंकड़े अच्छे हुए हैं। उन्होंने इसी संदर्भ में लिखा है कि उत्तर प्रदेश सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शामिल है। वहां इन नौ वर्षोँ में आय कर व्यक्तिगत विवरण भरने वाले करदाताओं की संख्या वार्षिक 1.65 लाख से बढ़ कर 11.92 लाख हो गयी। प्रधानमंत्री ने एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा है कि,“हमारे छोटे राज्यों और खास कर पूर्वोत्तर के मणिपुर, मिजोरम और नागालैंड ने पिछले 9 वर्षों में आईटीआर फाइलिंग में 20 प्रतिशत से अधिक की सराहनीय वृद्धि प्रदर्शित की है।” उन्होंने कहा, ‘ इससे पता चलता है कि न केवल आय बढ़ी है बल्कि नियमों का अनुपालन भी बढ़ा है।और यह हमारी सरकार में लोगों के विश्वास की भावना का प्रकटीकरण है।” प्रधानमंत्री ने कहा है,“ये निष्कर्ष न केवल हमारे सामूहिक प्रयासों को दर्शाते हैं बल्कि एक राष्ट्र के रूप में हमारी क्षमता को भी दोहराते हैं। बढ़ती समृद्धि राष्ट्रीय प्रगति के लिए शुभ संकेत है। निस्संदेह, हम आर्थिक समृद्धि के एक नए युग के शिखर पर खड़े हैं और 2047 तक अपने ‘विकसित भारत’ के सपने को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।...////...
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