द्रोणाचार्य बने सुजीत मान का सपना हुआ पूरा
28-Oct-2021 05:40 PM 3528
नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर (AGENCY) एक दशक से राष्ट्रीय कुश्ती टीम के साथ कोच पद की जिम्मेदारी संभाल रहे गुरु हनुमान अखाड़े के जाने माने कोच सुजीत मान को इस साल द्रोणाचार्य पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गयी है जिससे उनका द्रोणाचार्य बनने का सपना पूरा हो गया है। 43 साल के सुजीत ने इस पुरस्कार को गुरु हनुमान और अपने दादा जी को समर्पित किया है। द्रोणाचार्य पुरस्कार मिलने के सन्दर्भ में उनकी प्रतिक्रिया पूछे जाने पर उन्होंने इतना ही कहा,'देर आये दुरुस्त आये। ' सुजीत ने पिछले साल किसी सक्रिय मौजूदा कोच के नाम की द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए सिफारिश नहीं किये जाने पर नाराजगी जताई थी। कुश्ती इस समय देश का एकमात्र ऐसा खेल है, जिसमें भारत ने पिछले चार ओलंपिक में लगातार पदक जीते हैं। इस साल टोक्यो ओलम्पिक में भारत ने कुश्ती में दो पदक रवि दहिया ने रजत और बजरंग ने कांस्य पदक जीता था। पिछले वर्ष खुद सुजीत का लगातार तीसरे वर्ष द्रोणाचार्य के लिए नाम गया था लेकिन नियमों के अनुसार सर्वाधिक अंक होने के बावजूद उन्हें एक बार फिर नजरअंदाज कर दिया गया था । लेकिन इस बार पुरस्कार समिति ने उनके नाम की द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए सिफारिश की है। सुजीत 2018 के एशियाई खेलों में कुश्ती टीम के कोच थे, जिसमें बजरंग ने स्वर्ण जीता। वह 2014 के ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में भी टीम के साथ कोच थे जिसमें सुशील कुमार ने स्वर्ण जीता था। वर्ष 2014 से 2017 तक लगातार विश्व सीनियर चैंपियनशिप में टीम के साथ कोच के रूप में गये सुजीत ने 2004 के एथेंस ओलंपिक में पहलवान के रूप में हिस्सा लिया था। उन्हें 2002 में अर्जुन पुरस्कार, 2004 में हरियाणा सरकार से भीम अवार्ड और 2005 में रेल मंत्री अवार्ड मिला था। वह 2003 की राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने के अलावा सर्वश्रेष्ठ पहलवान भी रहे थे। उन्हें एशिया में चार बार पदक मिल चुके हैं जिनमें एक रजत और तीन कांस्य पदक शामिल हैं। गुरु हनुमान बिड़ला व्यायामशाला में सुजीत देश के उभरते पहलवानों को भविष्य के लिए तैयार कर रहे हैं। सुजीत ने ओलंपिक पदक विजेता सुशील और योगेश्वर को राष्ट्रीय शिविर में ट्रेनिंग दी है। सुजीत ने इसके अलावा बजरंग पुनिया, राहुल अवारे, दीपक पुनिया, रवि कुमार, सुमित, सोमवीर, मौसम खत्री, अमित कुमार, पवन कुमार, अमित धनकड, विनोद कुमार जैसे विख्यात पहलवानों को राष्ट्रीय शिविर में ट्रेनिंग दी है। वह विश्व चैंपियनशिप, एशियाई खेल, कामनवेल्थ गेम्स और वर्ल्ड रैंकिंग चैंपियनशिप में भारतीय टीम के कोच की भूमिका निभा चुके हैं।...////...
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