देश से रिकार्ड 50 अरब डॉलर का कृषि निर्यात: रमेश चंद
26-Mar-2022 07:26 PM 8507
नयी दिल्ली, 26 मार्च (AGENCY) नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने आज कहा कि कोरोना संकट के बावजूद चालू वित्त वर्ष में देश में पहली बार 50 अरब डॉलर के कृषि निर्यात हुआ है, जो एक रिकॉर्ड है। श्री चंद ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की 93वीं आम बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि देश में पहली बार चार सौ अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हासिल कर लिया है जो एक नई उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि आश्चर्यजनक रूप से एक बार में कृषि निर्यात 22 प्रतिशत बढ़ा है जो इस क्षेत्र में हुई प्रगति को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि देश से खाद्यान्न के साथ ही पशुधन उत्पाद निर्यात किया गया है। उन्होंने कहा कि आईसीएआर का अतीत और वर्तमान गौरव में रहा है औऱ भविष्य भी गौरवपूर्ण होगा। समाज को आईसीएआर से बहुत अपेक्षाएं हैं और आधुनिक समाज की अपेक्षाएं बदल रही हैं। उन्होंने हरित क्रांति की सफलता की चर्चा करते हुए कहा कि देश में प्रति व्यक्ति खाद्यान उत्पादन दो गुना से ज्यादा हो गया है। कृषि विशेषज्ञ ने कहा कि 1980 - 83 के दौरान प्रति व्यक्ति प्रतिदिन एक किलो खाद्यान उत्पादन का यानि एक साल में एक व्यक्ति के लिए 365 किलो खाद्यान उत्पादन होता था जो अब बढ़कर प्रतिदिन प्रति व्यक्ति दो किलो ग्राम यानि सालाना 720 किलो ग्राम खाद्यान पैदावर हो गया है। उन्होंने कहा कि अगले 10 - 12 साल में तीन से साढ़े तीन प्रतिशत के बीच खाद्यान उत्पादन बढ़ने का अनुमान है जबकि जनसंख्या में वृद्धि 1.3 प्रतिशत से 1.4 प्रतिशत के बीच हो सकती है। इस दौरान खाद्यान की मांग दो प्रतिशत तक बढ़ सकती है। श्री चंद ने कहा कि इन आंकड़ों के विश्लेषण से स्पष्ट है कि देश से कृषि उत्पादों का निर्यात करना ही होगा जो वर्तमान से बहुत अधिक हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में यदि प्राकृतिक और जैविक खेती का प्रयोग किया जाता है तो इससे खाद्य सुरक्षा को कोई खतरा नहीं हो सकता है। इससे गुणवत्ता पूर्ण और पोषण युक्त खाद्यानों का उत्पादन हो सकेगा और प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कम हो सकेगा। कृषि विशेषज्ञ ने कहा कि श्रीलंका का अचानक जैविक खेती के क्षेत्र में उतरने से उसकी कृषि प्रणाली बर्बाद हो गयी है जबकि भारत के सिक्किम में जैविक खेती का प्रयोग सफल रहा है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक और जैविक खेती को लेकर अनेक प्रयोग हुए हैं जिनमें कुछ फसलों का उत्पादन बढ़ गया है जबकि कुछ फसलों की पैदावर में भारी गिरावट आई है।...////...
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