ढांचागत विकास से गरीब कल्याण सुनिश्चित कर रहे हैं: मोदी
26-May-2022 10:42 PM 4651
चेन्नई, 26 मई (AGENCY) प्रधानमंंत्री नरेन्द्र मोदी ने तमिलनाडु में पीएम गतिशक्ति के अंतर्गत करीब 31 हजार 530 करोड़ रुपए लागत की 11 बड़ी ढांचागत अवसंरचनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण करते हुए आज कहा कि इन परियोजनाओं से अंतत: गरीबों का कल्याण सुनिश्चित होगा और उनके जीवन में समृद्धि आएगी। मोदी जवाहरलाल नेहरू इनडोर स्टेडियम में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में इन परियोजनाओं का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में मंच पर तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि, मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, केन्द्रीय राज्य मंत्री एल मुरुगन विराजमान थे जबकि केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और रेल, संचार, आईटी एवं इलैक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव वीडियोलिंक के माध्यम से जुड़े थे। इनके अलावा द्रमुक के संसदीय दल के नेता टी आर बालू, राज्य सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक, भाजपा एवं द्रमुक के नेता भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम सरकारी था लेकिन उसमें राजनीति भरपूर हावी थी। द्रविड़ मुनेत्र कषगम के शासन वाले तमिलनाडु में द्रमुक नेता एवं मुख्यमंत्री श्री स्टालिन ने तमिल क्षेत्रवाद को हवा दी तो श्री मोदी भी खुद को तमिल भाषा एवं संस्कृति का प्रशंसक और बढ़ावा देने वाला साबित करने से नहीं चूके। स्टेडियम की दर्शक दीर्घा में एक ओर भारतीय जनता पार्टी और दूसरी ओर द्रमुक के समर्थक बैठे हुए थे और दोनों ओर से अपने अपने नेता के पक्ष में नारेबाजी और शोर शराबा माहौल को दिलचस्प बनाये रहा। श्री मोदी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में तमिलनाडु के लोगों के मर्म को छूने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु एक विशेष भूमि है जहां के लोग, संस्कृति एवं भाषा विशिष्ट है। उन्होंने याद किया कि डीफलिंपिक खेलों में भारत ने 16 मेडल जीते थे जिनमें से 6 मेडल तमिलनाडु के युवाओं ने हासिल किये थे। उन्होंने कहा कि तमिल भाषा दिव्य और तमिल संस्कृति वैश्विक है। चेन्नई से कनाडा मदुरै से मलेशिया, नामक्कल से न्यूयॉर्क, सेलम से दक्षिण अफ्रीका तक इसका विस्तार है और पोंगल एवं पुथांडु जगप्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि केन्स फिल्म महोत्सव में केन्द्रीय मंत्री एल मुरुगन का पांरपरिक तमिल पोशाक में रेड कॉर्पेट पर चलने के अनुभव ने गौरव की अनुभूति करायी। श्री मोदी ने आज लोकार्पित एवं शिलान्यास वाली परियोजनाओं को तमिलनाडु के विकास की यात्रा में मील का पत्थर करार दिया और कहा कि इन परियोजनाओं से एक ओर जहां बुनियादी ढांचे के विकास और कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा, वहीं दूसरी ओर इस क्षेत्र में जनजीवन को आसान बनाया जा सकेगा। इन परियोजनाओं से रोजगार के अवसर पैदा होंगे और उससे सामाजिक आर्थिक समृद्धि लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प आत्मनिर्भर भारत है और इन परियोजनाओं से आत्मनिर्भर तमिलनाडु भी बनेगा। उन्होंने लाइट हाउस परियोजना में प्रधानमंत्री आवास कार्यक्रम के तहत नये पक्के आधुनिक मकान पाने वालों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि इतिहास ने हमें सिखाया है कि जो देश अवसंरचनाओं को शीर्ष महत्व देते हैं, वे ही विकसित राष्ट्रों की कतार में खड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि अवसंरचनाएं सामाजिक और भौतिक दोनों प्रकार की होनी चाहिए। केन्द्र सरकार का फोकस उत्तम गुणवत्ता वाली एवं टिकाऊ अवसंरचनाएं तैयार करने पर है। इसी से गरीब कल्याण संभव होगा। उन्होंने कहा कि दरअसल सामाजिक अवसंरचनाओं पर हमारा जोर सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय के मंत्र से अभिप्रेरित है। सरकार प्रमुख याेजनाओं के शत प्रतिशत क्रियान्वयन की दिशा में काम कर रही है। शौचालय, आवास, वित्तीय समावेशन, के क्षेत्र में हम पूर्ण कवरेज के लिए काम कर रहे हैं ताकि एक भी पात्र व्यक्ति छूट ना पाये। जब यह हो जाएगा तो फिर किसी के वंचित रहने का सवाल ही नहीं रहेगा। श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने अवसंरचनाओं की पारंपरिक सोच से आगे जा कर काम किया है। कुछ वर्ष पहले माना जाता था कि सड़क बिजली और पानी ही अवसंरचनाएं मानी जातीं थीं लेकिन आज हम भारत में गैस पाइपलाइन और आई-वेज़ बना रहे हैं। हमारा सपना हर गांव में हाईस्पीड इंटरनेट पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार तमिल भाषा एवं संस्कृति को लाेकप्रिय बनाने बनाने के लिए पूरी तरह से कृत संकल्प है। इस वर्ष जनवरी में केन्द्र सरकार द्वारा वित्तपोषण से निर्मित केन्द्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान का चेन्नई में उद्घाटन किया गया था। इसी प्रकार से उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में सुब्रह्मण्यम भारती पीठ स्थापित की गयी है। प्रधानमंत्री ने पड़ोस में कठिन परिस्थितियों से गुज़र रहे श्रीलंका के प्रति तमिल लोगों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए कहा कि एक घनिष्ठ मित्र और पड़ोसी होने के नाते भारत श्रीलंका को हर संभव सहयोग दे रहा है चाहे वह वित्तीय मदद हो या फिर खाद्यान्न, चिकित्सीय या अन्य किसी प्रकार की सहायता हो। उन्होंने याद किया कि वह देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने श्रीलंका के तमिल बहुल जाफना प्रांत की यात्रा की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार श्रीलंका के तमिल लोगों की सहायता के लिए स्वास्थ्य, परिवहन, आवास एवं संस्कृति आदि के क्षेत्रों में कई परियोजनाएं चला रही है। श्री मोदी ने आज़ादी के अमृत महोत्सव का भी उल्लेख किया और कहा कि देश का सामूहिक संकल्प है कि भारत को हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपने को अनुरूप बनाएंगे। इससे पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री श्री स्टालिन ने अपने उद्बोधन में मांग की कि मेडिकल परीक्षा के लिए नीट की परीक्षा की व्यवस्था खत्म की जाए, कच्छातिवू द्वीप श्रीलंका से पुन: हासिल किया जाये और मछुआरों को समुद्र में मछली पकड़ने की छूट मिले, केन्द्र सरकार के कार्यालयों एवं मद्रास उच्च न्यायालय में तमिल भाषा में कामकाज हो, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का बकाया का भुगतान किया जाये। उन्होंने तमिलनाडु को अधिक परियोजनाएं और निवेश की भी मांग की। आज जिन 11 परियोजनाओं का शुभारंभ हुआ उनमें रेलवे की कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाएं भी शामिल थी। राज्य के पांच रेलवे स्टेशनों - चेन्नई एगमोर, रामेश्वरम, मदुरै, कटपडी और कन्याकुमारी के पुनर्विकास का शिलान्यास भी किया। यह परियोजना 1800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पूरी की जाएगी और इसे रेलवे स्टेशन के स्वरूप को आधुनिक सुविधाओं के युक्त बनाने और यात्रियों की यात्रा को और अधिक सुखद, सुविधाजनक एवं आरामदायक बनाया जा सकेगा। श्री मोदी ने करीब 500 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना लागत से निर्मित 75 किलोमीटर लंबी मदुरै-तेनी ब्रॉडगेज लाइन का लोकार्पण किया। पहले यह लाइन मीटरगेज थी। आमान परिवर्तन से इस लाइन पर यात्रियाें का आवागमन अधिक सुविधाजनक बनेगा और इस क्षेत्र में कारोबार एवं पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कुल 590 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना लागत से निर्मित तांबरम-चेंगलपट्टू के बीच 30 किलोमीटर लंबी तीसरी रेलवे लाइन का भी लोकार्पण किया जिससे इस मार्ग पर और अधिक उपनगरीय सेवाएं चलायी जा सकेगी। इनकी कुल लागत 2900 करोड़ रुपये से अधिक होगी। प्रधानमंत्री ने इसके अलावा लगभग 850 करोड़ रुपये और 910 करोड़ रुपये की परियोजना लागत से निर्मित ईटीबीपीएनएमटी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का 115 किलोमीटर लंबा एन्नोर-चेंगलपट्टू खंड और 271 किलोमीटर लंबा तिरुवल्लूर-बेंगलुरु खंड का लोकार्पण किया। इससे तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में उपभोक्ताओं के साथ-साथ उद्योगों को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति की सुविधा मिलेगी। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के तहत 116 करोड़ रुपये की लागत से बनी लाइट हाउस प्रोजेक्ट-चेन्नई के हिस्से के रूप में निर्मित 1152 घरों का लोकार्पण किया और लाभार्थियों को मकान की चाबी सौंपी। प्रधानमंत्री ने 28,500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाई जा रही छह सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया। 262 किलोमीटर लंबे बेंगलुरू-चेन्नई एक्सप्रेसवे का निर्माण 14 हजार 870 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जाएगा। एक्सप्रेसवे बनने से कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु से होकर गुजरेगा और बेंगलुरु एवं चेन्नई के बीच की यात्रा के समय को 2-3 घंटे कम करने में मदद मिलेगी। चेन्नई बंदरगाह को मदुरवॉयल (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-4) से जोड़ने वाली लगभग 21 किलोमीटर लंबी चार लेन की डबल डेकर एलिवेटेड सड़क 5850 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाई जाएगी। यह सड़क मालवाहक वाहनों को चौबीसों घंटे चेन्नई बंदरगाह पहुंचने की सुविधा प्रदान करेगी। इसी प्रकार राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-844 के 94 किलोमीटर लंबे नेरालुरु से धर्मपुरी खंड में चार लेन और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-227 के 31 किलोमीटर लंबे मीनसुरुट्टी से चिदंबरम खंड में दो लेन वाली सड़कें क्रमशः लगभग 3870 करोड़ रुपये और 720 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जा रही है, जिससे इस इलाके में निर्बाध संपर्क सुविधा प्रदान करने में मदद मिलेगी। श्री मोदी ने चेन्नई में 1400 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से एक मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क का शिलान्यास भी किया। यह परियोजना निर्बाध इंटरमॉडल माल ढुलाई की सुविधा प्रदान करेगी और कई प्रकार की कार्यक्षमता भी मुहैया करायेगी।...////...
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