24-Apr-2022 08:44 PM
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नयी दिल्ली, 24 अप्रैल (AGENCY) कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने रविवार को केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव से सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम-2000 की धारा 79 और उसके नियमों के स्पष्टीकरण की मांग की।
कैट ने एक बयान में कहा कि इस धारा के अस्पष्ट होने से अमेजोन, फ्लिपकार्ट, ओला, उबर, जोमाटो सहित ऑनलाइन दवाई बेचने वाली ई-कॉमर्स कम्पनियां सभी तरह का गलत सामान बेचती हैं और अपने पोर्टल पर बिक रहे सामान या दी जा रही सेवाओं पर कोई जिम्मेदारी न लेते हुए धारा 79 का गलत सहारा लेते हुए सुरक्षा लेकर किसी भी कानूनी कार्रवाई से बच जाती हैं।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की आईटी ऐक्ट की धारा 79 में वो कम्पनियाँ जो विशुद्ध रूप माल अथवा सेवाएँ बेचने वाले या ख़रीदने वाले को मात्र ई कामर्स प्लेटफार्म ही उपलब्ध करती हैं और जिसमें उनका किसी भी प्रकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है, इन्हीं कंपनियों को धारा 79 के अंतर्गत किसी भी क़ानूनी करवाई से बचने की सुरक्षा प्राप्त है।
उन्होंने कहा कि यह एक सर्वविदित तथ्य है की ये सभी कम्पनियां कभी भी अपने पोर्टल के जरिए बेचे गए सामान अथवा दी गई सेवाओं के लिए ज़िम्मेदारी नहीं लेती हैं और धारा 79 के अंतर्गत अपने को केवल बिचोलिया कह कर अपना पल्ला झाड़ लेती हैं।
श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने कहा की उपरोक्त सभी कंपनियां 'व्यापारिक मध्यस्थ' के रूप में काम कर रही हैं, न कि डेटा / सूचना की मध्यस्थ और इसलिए आईटी अधिनियम की धारा 79 का लाभ इनको किसी भी सूरत में नहीं मिल सकता।...////...