19-Apr-2022 08:35 PM
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नैनीताल, 19 अप्रैल (AGENCY) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने वन विकास पेंशनर्स वेलफेयर सोसायटी द्वारा उनकी पेंशन का पुनर्निर्धारण करने के मामले में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए मंगलवार को प्रदेश सरकार व ईपीएफओ को चार सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिए हैं।
मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई। वन विकास पेंशनर्स वेलफेयर सोसायटी की ओर से अदालत ने उनकी पेंशन का पुनर्निर्धारण करने की मांग करते हुए कहा कि उन्हें 2500 से 3000 रुपये पेंशन दी जा रही है, जो कि गलत है।
सेवा काल के दौरान सेवायोजक की ओर से सम्पूर्ण वेतन पर 12 प्रतिशत ईपीएफ काटा जाता था जबकि सरकार द्वारा सम्पूर्ण वेतन के विपरीत केवल निर्धारित वेतन पर ही 8.33 प्रतिशत ईपीएफ काटा गया, जो कि गलत है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से उच्चतम न्यायालय के आरसी गुप्ता बनाम हिमाचल प्रदेश मामले का हवाला भी दिया गया है जिसमें सम्पूर्ण वेतन पर ईपीएफ देने का उल्लेख किया गया है।
दूसरी ओर सरकार की ओर से कहा गया कि इसको लागू करने से सरकार पर करोड़ों का आर्थिक बोझ पड़ेगा। इस निर्णय के खिलाफ सरकार ने शीर्ष अदालत में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है, जो अभी लंबित है।...////...