07-Apr-2022 09:06 PM
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मुंबई, 7 अप्रैल (AGENCY) बम्बई उच्च न्यायालय ने गुरुवार को महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के हड़ताली कर्मचारियों को 22 अप्रैल तक काम पर लौटने के निर्देश दिए।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने एमएसआरटीसी से श्रमिकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने के निर्देश दिए।
कर्मचारियों की मांग है कि एमएसआरटीसी का राज्य सरकार में विलय किया जाए और सरकारी कर्मचारियों की तरह उनके साथ व्यवहार किया जाए।
इससे पहले अदालत ने कर्मचारियों को ड्यूटी पर वापस लाने के लिए 15 अप्रैल तक का समय निर्धारित किया था लेकिन अब गुरुवार से 22 अप्रैल तक का समय बढ़ा दिया गया।
न्यायमूर्ति दत्ता ने कहा, "हम 22 अप्रैल तक नौकरी पर वापस लौटने की तारीख बढ़ा रहे हैं और अब कर्मचारियों को दोबारा ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि काम पर लौटे कर्मचारियों की सुरक्षा का इंतजाम किया जाएगा और जो काम पर नहीं लौटेंगे वे अपनी जिम्मेदारी पर ऐसा काम करें। उन्होंने कहा, "हमें अपने संवैधानिक आदर्शों को धयान में रखकर फैसला लेते हैं।जब शेर और मेमने की लड़ाई होती है तो हमें मेमने को सुरक्षा देना होता हे।”
दरअसल, एमएसआरटीसी ने पिछले साल 3-4 नवंबर से हड़ताल पर गए अपने कर्मचारियों के खिलाफ एक अवमानना याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई इस अदालत में चल रही है।
महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को अदालत के समक्ष कहा था कि उन्होंने तीन सदस्यीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। समिति ने कहा है कि एमएसआरटीसी को सरकार में शामिल करना व्यवारिक रूप से संभव नहीं है।...////...