05-May-2022 07:48 PM
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अमृतसर,05 मई (AGENCY) लगभग तीन दशकों से विभिन्न भारतीय जेलों में बंद सिख कैदियों की रिहाई के लिए संयुक्त प्रयासों की रणनीति तैयार करने के लिए श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश के बाद, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने 11 मई को एसजीपीसी के मुख्यालय तेजा सिंह समुंदरी हॉल में सिख राजनीतिक और धार्मिक जत्थेबंदियों (संगठनों) की एक विशेष बैठक बुलाई है।
एसजीपीसी कार्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने गुरुवार को कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब से एक आदेश प्राप्त हुआ है कि एसजीपीसी सहित सभी सिख संगठनों और संस्थानों को सिख कैदियों की रिहाई के लिए संयुक्त प्रयास करना चाहिए जिसके तहत 11 मई को पंथक संगठनों के प्रतिनिधियों से चर्चा की जाएगी। यह मामला बहुत गंभीर है क्योंकि सिख कैदियों को इस तथ्य के बावजूद रिहा नहीं किया जा रहा है कि उन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है। उन्होंने कहा कि एक तरफ, 1984 के सिख नरसंहार में एक दोषी किशोरी लाल को कई बार फरलो और पैरोल दी गई है, लेकिन दूसरी तरफ, सिख कैदी जो पहले ही आजीवन कारावास से अधिक की सजा काट चुके हैं, उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने प्रोफेसर देविंदरपाल सिंह भुल्लर की रिहाई में जानबूझकर बाधा बनने के लिए दिल्ली में केजरीवाल सरकार की कड़ी आलोचना की।
श्री धामी ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशानुसार 11 मई को सिख संगठन और संप्रदाय (शाखाएं) एक साथ बैठेंगे और बैठक में भविष्य के लिए तय की गई रणनीति के अनुसार आगे बढ़ेंगे। यदि तीव्र संघर्ष की आवश्यकता होगी, इसे आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होने कहा कि मैं सभी पंथक संगठनों से इस बैठक में भाग लेने की अपील करता हूं। उन्होने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश के अनुसार, इंटरनेट पर ऐप्स (एप्लिकेशन) पर गुरबानी की सटीकता की जांच के लिए एक उप-समिति का गठन किया गया है। यह समिति एसजीपीसी के पदाधिकारियों, अधिकारियों, इंटरनेट विभाग और कानून विभाग के कर्मचारियों से बनी है।
श्री धामी ने कहा कि यह समिति इन एप पर अपलोड की गई अन्य गुरबानी सहित नितनेम (दैनिक) की अरदास की जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी और उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। ऐप या वेबसाइट और अगर कोई मनमाने तरीके से गुरबानी को ऐप पर अपलोड करने पर जोर देता है, तो संबंधित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।...////...