17-Feb-2022 08:55 PM
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नयी दिल्ली 17 फरवरी (AGENCY) सरकार ने देश को हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया का निर्यात केंद्र बनाने के लिए स्वच्छ ईंधन पर नीति अधिसूचित की है।
ऊर्जा मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि इस नीति के लागू होने से देश के आम लोगों को स्वच्छ ईंधन मिलेगा। इससे जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होगी और कच्चे तेल का आयात भी कम होगा। इससे भारत को स्वच्छ ऊर्जा के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में भी मदद मिलेगी।
उसने कहा कि जीवाश्म ईंधन के स्थान पर हाइड्रोजन और अमोनिया को भविष्य के ईंधन के रूप में परिकल्पना की गई है। अक्षय ऊर्जा से ऊर्जा का उपयोग करके हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया ईंधन राष्ट्र की पर्यावरण की दृष्टि से स्थायी ऊर्जा सुरक्षा की प्रमुख आवश्यकताओं में से एक है।
नई नीति के अनुसार, हरित हाइड्रोजन और अमोनिया निर्माता पावर एक्सचेंज से अक्षय ऊर्जा खरीद सकते हैं या स्वयं या किसी अन्य डेवलपर के माध्यम से अक्षय ऊर्जा क्षमता स्थापित कर सकते हैं। इस आशय का आवेदन प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर ओपन एक्सेस प्रदान किया जाएगा। निर्माता अपनी अप्रयुक्त अक्षय ऊर्जा को 30 दिनों तक वितरण कंपनी के पास जमा कर सकते हैं और आवश्यकता पड़ने पर इसे वापस ले सकते हैं।
वितरक लाइसेंसधारी अपने राज्यों में हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया के निर्माताओं को रियायती दरों पर अक्षय ऊर्जा की खरीद और आपूर्ति कर सकते हैं, जिसमें केवल खरीद की लागत, परिवहन शुल्क और राज्य आयोग द्वारा निर्धारित एक छोटा सा मार्जिन शामिल होगा। 30 जून 2025 से पहले शुरू की गई परियोजनाओं के लिए हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया के निर्माताओं को 25 साल की अवधि के लिए अंतर-राज्यीय पारेषण शुल्क की छूट दी जाएगी।
हरित हाइड्रोजन एवं हरित अमोनिया और नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्र के निर्माताओं को किसी भी प्रक्रियात्मक देरी से बचने के लिए प्राथमिकता के आधार पर ग्रिड से कनेक्टिविटी दी जाएगी। अक्षय ऊर्जा की खपत के लिए अक्षय खरीद दायित्व (आरपीओ) का लाभ हरित हाइड्रोजन-अमोनिया निर्माता और वितरक लाइसेंसधारी को दिया जाएगा।...////...