17-Dec-2021 09:38 PM
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झांसी 17 दिसंबर (AGENCY) बुंदेलखंड की विभिन्न क्षेत्रों में विरासतों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए बहुत गंभीरता से पहल करने वाले उत्तर प्रदेश के झांसी मंडलायुक्त डाॅ़ अजय शंकर पांडेय ने यहां के हस्तशिल्प एवं अन्य उद्योगों के लिए दीर्घकालिक योजनाएं बनाकर काम किये जाने की जरूरत को रेखांकित किया है।
यहां आयुक्त सभागार में शुक्रवार को हस्तशिल्प एवं उद्योग-धंधों से सम्बन्धित विंग की बैठक डॉ़ पाण्डेय की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई । इस बैठक को संबोधित करते हुए मंडलायुक्त ने कहा कि हस्तकला एक ऐसी विद्या है जिसमें मुख्यतः हाथ से या सरल औजारों की सहायता से ही कलात्मक कार्य किये जाते हैं। ऐसी कलाओं का सांस्कृतिक महत्त्व होता है। भारत, हस्तशिल्प का सर्वाेत्कृष्ट केन्द्र माना जाता है। यहां दैनिक जीवन की सामान्य वस्तुएं भी कोमल कलात्मक रूप में गढ़ी जाती हैं। इस महत्व को दृष्टिगत रखते हुए बुंदेलखंड में हस्तशिल्प व लघु उद्योग-धंधों के उन्नय व संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास किये जायें।
बैठक के दौरान बुन्देलखंड क्षेत्र में संचालित हस्त शिल्प एवं उद्योग-धंधों की स्थिति पर चर्चा हुई। प्रतिभागियों ने बताया कि झांसी मंडल के कुछ क्षेत्रों में हैण्डलूम संचालित थे परन्तु समय के साथ-साथ उनके उत्पादन स्तर में गिरावट आई है। इस क्षेत्र के निवासी मूलतः कृषि व्यवसाय पर ही आश्रित हैं परन्तु प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित न होने के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ता है। झांसी मंडल के जनपद ललितपुर के ब्लाक जखौरा में पीतल के बर्तन व स्मृति चिन्ह बनाये जाने का कारोबार किया जाता है। झांसी जनपद की मऊरानीपुर तहसील व ललितपुर जनपद के कुछ हिस्सों में हथकरघा का कार्य प्रचलन में है परन्तु संरक्षण के बिना ये लुप्त होने की कगार पर है।
मंडलायुक्त ने बताया कि हस्त शिल्प एवं उद्योग-धंधों की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए मंडल स्तर पर हस्त शिल्प एवं उद्योग-धंधों की समिति गठित की जायेगी। इस समिति में संबंधित विषय के विषय विशेषज्ञ, रूचि रखने वाले प्रबुद्ध नागरिकों/उद्यमियों को सम्मलित किया जायेगा। यह समिति झांसी मण्डल के हस्त शिल्प एवं उद्योग-धंधों पर दीर्घकालिक कार्ययोजना बनाकर सुधार हेतु व्यापक स्तर पर कार्य करेगी। इस दीर्घकालिक कार्ययोजना से कुछ ऐसी गतिविधियों को चुना जाये जो स्थानीय उद्यमियों के सहयोग से व्यापक रूप ले सकें तथा कुछ ऐसी गतिविधियां भी चुनकर ऐसे प्रस्ताव बनाये जायें जिससे उत्तर प्रदेश सरकार के सम्बन्धित विभागों से वित्त पोषण पर विचार हो सके।
उन्होंने बताया कि समिति का मूल उद्देश्य बुंदेलखंड विशेष रूप से झांसी मंडल में हस्तशिल्प एवं उद्योगों के विस्तार के लिए सकारात्मक वातावरण सृजित हो तथा यहां के शिल्पियों का उन्नयन संभव हो सके। हस्तशिल्प व लघु उद्योग धंधों के उन्नय के लिए तीनों जनपदों के हस्तशिल्प एवं उद्योग धंधों के क्षेत्रों को चिन्हित कर एक डायरेक्टरी का प्रकाशन होगा, ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ की प्रगति का मूल्यांकन, यदि आवश्यक हो तो उत्पाद के परिवर्तन हेतु औचित्यपूर्ण प्रस्ताव तैयार कराते हुए राज्य मुख्यालय को भेजे जायेगा। चेम्बर ऑफ कामर्स के प्रतिनिधियों के सहयोग से विभिन्न प्रसोसिंग यूनिट की स्थापना की संभावनाओं का पता लगाया जायेगा,ललितपुर जनपद के जखौरा क्षेत्र में पीतल के बर्तन/स्मृति चिन्ह के कारोबार को ‘स्केल-अप’ कराये जाने की दिशा में कार्य किया जायेगा।
कभी देश ही नहीं बल्कि दुनिया में कपड़े के लिए मशहूर रानीपुर के कपड़ा उद्योग के संरक्षण व संवर्धन के लिए ओडीओपी में प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। रानीपुर के कपड़ा उद्योग के संरक्षण व संवर्धन के लिए उद्योग विभाग द्वारा अवगत कराया कि ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ (ओडीओपी) के अन्तर्गत प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया जा चुका है। मंडलायुक्त ने इस सम्बन्ध में उपायुक्त उद्योग झांसी को निर्देश दिये कि स्टेटस रिपोर्ट एक सप्ताह में उपलब्ध कराये। हथकरघा संवर्द्धन सहायता के अंतर्गत तकनीक में सुधार और आधुनिक औज़ार व उपकरण खरीदने में सरकारी सहायता की योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन कराया जाये। हथकरघा योजना के अंतर्गत सरकार 90 प्रतिशत लागत का बोझ उठाकर बुनकरों को नए करघे खरीदने में सहायता करती है। पात्र लाभार्थियों को इस योजना का लाभ पहुँचाने के विशेष प्रयास किये जायें, इसके लिये जिलाधिकारी झांसी, मुख्य विकास अधिकारी/अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बुनकरों की बैठक आयोजित कराकर उनकी कठिनाईयों के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा कराये।
उन्होने यह भी निर्देष दिये कि हस्तशिल्प एवं कुटीर उद्योगों से जुड़े कर्मियों को श्रम विभाग की विभिन्न योजनाओं से जोड़ने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाये । हस्तशिल्प मेला प्रदर्शनी का आयोजन अरबन हॉट में होगा और शिल्पियों द्वारा बनायी जा रहीं विभिन्न सामग्रियों के प्रदर्शन के लिए एक ‘प्रदर्शनी/हस्तशिल्प उद्योग मेला’ का आयोजन अरबन हॉट में किया जायेगा। इस प्रदर्शनी में झांसी मंडल के अतिरिक्त सभी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व कराया जायेगा, जैसे- माटीकला, मूर्तिकला, बांस से निर्मित सामग्री, हैण्डक्राफ्ट आदि बुनकरों और कारीगरों के निर्मित उत्पादों को बाज़ार तक पहुंचाने में आने वाली दिक्कतों को देखते हुए कुछ शिविरों में निर्यात/शिल्प बाज़ार/बायर-सेलर्स मीट भी कराई जायेगी।
गौरतलब है कि मंडलायुक्त कार्यभार संभालने के बाद से ही बुंदेलखंड क्षेत्र की विरासतों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए बेहद सकारात्मक और एकदम अनूठी सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं। इसी क्रम में उनके दिशा निर्देशन में बुन्देलखंड क्षेत्र (झाँसी मण्डल) की सांस्कृतिक, साहित्यक, एतिहासिक व अन्य विरासत के संकलन, संरक्षण, अनवेषण एवं शोध के लिए विभिन्न समितियों का गठन किया गया है।...////...