26-Aug-2021 12:25 PM
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छत्तीसगढ़ से भटक कर आए जंगली हाथियों ने मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले में आतंक मचा दिया है। अनूपपुर जिले के बेलगांव में हाथियों ने 6 साल के मासूम समेत तीन लोगों की जान ले ली है। यहां खेत में बनी झोपड़ी में पति-पत्नी अपने 6 साल के पोते के साथ सो रहे थे। देर रात डेढ़ से 2 बजे गुस्साए हाथी झोपड़ी में पहुंचे और तीनों को पटक-पटक कर मार डाला। गुरुवार सुबह ग्रामीणों ने घटना का पता चलते ही बिजुरी वन परिक्षेत्र के वन विभाग को सूचना दी। मप्र में जंगलों में घूमने वाले हाथियों द्वारा ग्रामीणों को मारने की संभवत: यह पहली घटना है।
मृतकों में गया प्रसाद (55) पिता नोहर शाह, मुन्नी बाई (52) पति गया प्रसाद और राजकुमार (6) पिता पवन केवट शामिल है। सुबह प्रशासन के साथ ही वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचा। घटना के बाद से ही परिजन और ग्रामीण गुस्से में हैं। हाथियों का उचित प्रबंधन नहीं होने की वजह से उन्होंने आक्रोश जताया।
पोते ने रात में साथ सोने की जिद की थी
बिजुरी वन परिक्षेत्र का बेलगांव छत्तीसगढ़ की सीमा से लगा है। यहां जंगली हाथियों का मूवमेंट पहले भी होता रहा है। मृतकों के परिजनों ने बताया कि खेत की रखवाली के लिए झोपड़ी बनाई थी। बुधवार को पोते ने खेत में सोने की जिद की थी। इसके बाद दादी मुन्नी बाई राजकुमार को लेकर खेत पर पहुंच गई।
दल में सात हाथी
ग्रामीणों ने बताया कि झोपड़ी में तीनों लोगों को मारने के बाद हाथियों ने झोपड़ी में रखा खाना और कुछ अनाज खा लिया। बताया जा रहा है कि जंगली हाथियों के झुंड में सात हाथी हैं। वन विभाग को साजाटोला में हाथियों के मूवमेंट की एक दिन पहले ही जानकारी मिली थी।
सूचना देने में वन विभाग की लापरवाही उजागर
ग्रामीणों ने बताया कि वन विभाग द्वारा हाथियों के मूवमेंट की जानकारी नहीं दी गई थी, जिस कारण लोग इस बात से अंजान थे कि उनके गांव के आसपास जंगली हाथी घूम रहे हैं। वन विभाग ने इस मामले में सोशल मीडिया पर जानकारी प्रसारित कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। गांव में रहने वाले ज्यादातर ग्रामीणों के पास मोबाइल नहीं है, ऐसे में वन विभाग को गांव में जाकर मुनादी करवानी थी।
मौके पर पहुंचे विधायक
कोतमा विधायक सुनील सराफ बेलगांव पहुंचे और मृतक के परिवारों को सांत्वना दी। उन्होंने बताया कि जंगली हाथी हर साल यहां आकर नुकसान पहुंचाते हैं। बीते सात वर्षों से ज्यादा समय से यह सिलसिला चल रहा है। प्रशासन को इस बारे में समय रहते ध्यान देना चाहिए था।
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