09-May-2022 08:35 PM
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पटना 09 मई (AGENCY) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि प्रदेश में जातीय जनगणना कराये जाने के मुद्दे पर सबकी राय लेने के बाद ही इस पर आगे काम किया जाएगा।
श्री कुमार ने सोमवार को यहां ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा, “हमलोग किसी जाति को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति में मान्यता देने के लिए अपने यहां से प्रस्ताव भेजते हैं, जिस पर केंद्र सरकार के स्तर से निर्णय लिया जाता है। जातीय जनगणना को लेकर यहां के सभी दलों के लोगों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी। केंद्र सरकार इसे नहीं करेगी लेकिन कहा है कि राज्य सरकार अपने यहां कर सकती है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर बिहार में सभी दल के लोग आपस में बातचीत कर लेंगे। कुछ राज्य इसे अपने-अपने ढंग से कर रहे हैं लेकिन बिहार में जब होगा तो पूरे तौर पर होगा। उसके लिए सब पार्टी की बैठक होगी, आपस में चर्चा होगी। सरकार में इन सब चीजों को लेकर पहले से कॉन्सेसनेस है। सबलोगों की राय लेंगे तभी आगे काम करेंगे। इस पर बैठक करेंगे तो और लोगों का आइडिया भी पता चलेगा। बीच में चुनाव आ गया फिर बातचीत नहीं हुई। बीच में कोरोना बढ़ गया फिर इधर कोरोना का खतरा है।
श्री कुमार ने विशेष राज्य के दर्जे की मांग के सवाल पर कहा, “इस मुद्दे को लेकर हमलोगों ने कई बार आंदोलन किया है। हमलोगों ने पटना एवं दिल्ली में भी आंदोलन किया है। नीति आयोग की रिपोर्ट सामने आने के बाद भी हमलोगों ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलनी चाहिए, इस पर ध्यान दीजिए।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्यों में केंद्र सरकार भी सहयोग कर रही है और राज्य सरकार भी अपनी तरफ से विकास कार्य करा रही है। सब लोग मिलकर सभी क्षेत्रों में विकास के कार्य में लगे हुए हैं। बिहार का क्षेत्रफल कम है लेकिन आबादी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि बयानबाजी होती रहती है, उसमें हमलोग क्या कर सकते हैं। हमलोग सेवक हैं, लोगों की सेवा करते रहते हैं। हमलोग कितना भी काम करेंगे तब भी कुछ लोग बोलते रहेंगे। बोलने का सबको अधिकार है।...////...