जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर समाज में टकराव पैदा करने की राजनीति कर रही है कांग्रेस: भाजपा
17-Jun-2025 09:34 PM 5207
नयी दिल्ली 17 जून (संवाददाता) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया है और कहा है कि विपक्षी पार्टी का मुख्य उद्देश्य इस मुद्दे पर जातियों के बीच टकराव पैदा करना और परिवारवादी राजनीति को पोषित करना है। भाजपा प्रवक्ता एवं सांसद डाॅ सुधांशु त्रिवेदी ने मंगलवार को यहां पार्टी मुख्यालय पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी का उद्देश्य सभी का सम्मान और पिछड़ी जातियों का उत्थान है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने जनगणना कराने का फैसला किया है और इसमें सामाजिक-आर्थिक और जाति गणना भी करायी जायेगी। इसके बावजूद इस विषय में कांग्रेस पार्टी सरकार की स्थिति के बारे में लोगों को सोची समझी राजनीति के तहत गुमराह कर रही है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि इतने वर्षों तक सत्ता में रही कांग्रेस को जनगणना के तकनीकी पहलूओं, संवैधानिक और कानूनी ढांचे को समझना चाहिए। उन्होंने कहा, “ उन्हें (कांग्रेस को) पता होना चाहिए कि जाति जनगणना कराना केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है, राज्यों के नहीं। तो, वे (राज्यों में) किस तरह की ‘जनगणना’ की बात कर रहे हैं? ” उन्होंने कहा कि राज्यों को केवल सर्वे करने की अनुमति है, वे आधिकारिक रूप से जनगणना नहीं करा सकते। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस तेलंगाना का उदाहरण तो दे रही है, लेकिन उन्हें यह समझना चाहिए कि वहां जो किया जा रहा है, वह सर्वे है, जनगणना नहीं। उन्होंने कहा कि धुंधली दृष्टि या शायद जानबूझकर विकृत दृष्टिकोण के कारण कांग्रेस स्पष्ट बात भी समझने में असमर्थ है। कैबिनेट ने जनगणना कराने का निर्णय लिया और इसके बाद जारी प्रेस विज्ञप्ति में स्पष्ट रुप से कहा गया कि जनगणना के साथ सामाजिक, आर्थिक मूल्यांकन होगा। उन्होंने कहा, “ स्वतंत्र भारत के इतिहास में जाति गणना पहली बार होगी। लेकिन वह (कांग्रेस) पार्टी, जिसने 1951 में स्वतंत्र भारत में जातिगण जनगणना को रुकवाने का काम किया था, जिन्होंने पिछड़ों के हक को मारने के लिए काका कालेलकर समिति की रिपोर्ट को नहीं लागू होने दिया था, वे आज अचानक जो कहने का प्रयास कर रहे हैं और लिखे को नहीं पढ़ पा रहे हैं, तो उनकी राजनीति की असलियत सामने आ जाती है। ” भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “ भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार का विचार है- सबका विश्वास, सबका प्रयास। इसलिए हमारी सरकार जिस विषय को लेकर सामाजिक और आर्थिक सर्वेक्षण और जातिगण जनगणना करवाना चाह रही है, उसका उद्देश्य है- सभी जातियों की पहचान, सभी जातियों का सम्मान और पिछड़े छोर पर खड़ी जातियों का उत्थान। लेकिन कांग्रेस और इंडिया गठबंधन का उद्देश्य है— केवल अपने-अपने परिवार का उत्थान और सभी जातियों में घमासान। ” प्रवक्ता ने कहा, “ देश में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के सबसे ज़्यादा मंत्री किसी सरकार में रहे हैं, तो वह मोदी सरकार है। मैं पूछना चाहता हूं कि तेलंगाना सरकार में कितने ओबीसी मंत्री हैं? 2014 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में कितने ओबीसी मंत्री थे? बमुश्किल दो या तीन। ” उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा ‘परिवार पहले’ की नीति पर चलती आयी है। और अब, जब वे जनता का भरोसा खोते जा रहे हैं, तो वे असली मुद्दों को संबोधित करने के बजाय लोगों को गुमराह करने का सहारा ले रहे हैं। उन्होंने कहा, “ जातिगत जनगणना की अधिसूचना केंद्र सरकार जारी करती है आप (कांग्रेस) किस राज्य की अधिसूचना को दिखा रहे हैं। राज्य सिर्फ सर्वेक्षण कर सकती है। सर्वेक्षण को अधिसूचित करने की प्रक्रिया अलग है। ये स्वयं (कांग्रेस) जिस तेलंगाना राज्य का उदाहरण दे रहे हैं, वहां सर्वेक्षण हो रहा है, जनगणना नहीं।” बिहार में राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव के बारे में एक सवाल के जवाब में डॉ त्रिवेदी ने कहा कि श्री यादव को बताना चाहिए कि उनकी जाति की संख्या कितनी है। भाजपा प्रवक्ता ने यह भी कहा कि श्री यादव ने अपनी जाति के नाम पर वोट तो लिये लेकिन सत्ता देने की बारी आयी तो उन्हें पत्नी, साला, पुत्र, दूसरा पुत्र और पुत्रियां ही नज़र आयीं। इसी प्रकार से समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव ने सत्ता अपने पुत्र को ही दी। उन्होंने कहा कि ये जातिवादी नेता दरअसल अपने परिवार के लिए सत्ता हासिल करने के लिए जातिवादी राजनीति करते हैं। भाजपा प्रवक्ता ने लालू प्रसाद यादव के पैरों में डॉ. भीमराव अंबेडकर के चित्र को रखे जाने की भर्त्सना की।...////...
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