12-Aug-2022 07:17 PM
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शिमला, 12 अगस्त (AGENCY) हिमाचल प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को धर्म स्वतंत्रता संशोधन विधेयक 2022 पेश किया जबरन सामूहिक धर्मांतरण को अपराध की श्रेणी में रखते हुये कड़े प्रावधान किए जा सकें।
विधेयक में एक प्रावधान है कि यदि दो या दो से अधिक व्यक्तियों का धर्म परिवर्तन किया गया है तो इसे सामूहिक धर्मांतरण माना जाएगा।
इस संशोधन विधेयक पर 13 अगस्त को सदन में चर्चा होगी। यह मूल अधिनियम में डाला गया है कि जो कोई भी सामूहिक धर्मांतरण के संबंध में धारा 3 के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, उसे एक अवधि के लिए कारावास से दंडित किया जाएगा, जो पांच साल से कम नहीं होगा, लेकिन जिसे 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माने के लिए भी उत्तरदायी होगा जो एक लाख रुपये से कम नहीं होगा, लेकिन जो एक लाख पचास हजार रुपये तक हो सकता है।
इस धारा में उल्लेखित दूसरे या बाद के अपराध के मामले में, कारावास की अवधि सात साल से कम नहीं होगी, लेकिन 10 साल तक बढ़ सकती है और जुर्माना भी होगा जो कि कम से कम नहीं होगा एक लाख पचास हजार रुपये जो दो लाख रुपये तक हो सकता है। विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि जो कोई भी अपने द्वारा बताये गये धर्म के अलावा किसी अन्य धर्म के व्यक्ति से शादी करने का इरादा रखता है और अपने धर्म को इस तरह छिपाता है कि जिस व्यक्ति से वह शादी करना चाहता है, वह मानता है कि उसका धर्म वास्तव में उसके द्वारा माना गया धर्म है। उसे एक अवधि के लिए कारावास से दंडित किया जाएगा, जो तीन साल से कम नहीं होगा, लेकिन जो 10 साल तक बढ़ सकता है, और जुर्माने के लिए भी उत्तरदायी होगा जो कि 50 हजार रुपये से कम नहीं होगा, लेकिन जो एक लाख रुपये तक हो सकता है।...////...