जलमार्ग सस्ता एवं पर्यावरण हितैषी है: संजीव रंजन
16-Jun-2022 10:45 PM 5396
नयी दिल्ली, 16 जून (AGENCY) भारत बंगलादेश के साथ व्यापार और यात्रियों के आवागमन के लिए जलमार्गों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने में लगा है। केन्द्रीय बंदरगाह,नौवहन और जलमार्ग सचिव संजीव रंजन ने यहां गुरुवार को इसका उल्लेख करते हुए कहा कि जलमार्ग परिवहन के अन्य मार्गों की तुलना में तेज, सस्ता और पर्यावरण हितैषी है। श्री रंजन ने यहां अंतरदेशीय जलमार्ग शिखर सम्मेलन में कहा कि सरकार ने भारत-बंगलादेश व्यापार संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए दोनों पक्षों के लिए नये अवसर खोले हैं। उन्होंने व्यापार जगत से कहा कि मौजूदा अवसर भारत और बंगलादेश के बीच लेन-देन और व्यापार की लागत को कम करने में सक्षम हैं। उन्होंने इसमें भाग लेने का आग्रह किया और कहा कि हम प्रमुख व्यापारिक भागीदार के रूप में उभर रहे हैं। भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष संजय बंदोपाध्याय ने इस मौके पर कहा कि देश में 14,500 नौगम्य है और हमारे पास माल ढुलाई के लिए 19 और यात्रियों के लिए 25 परिचालन जलमार्ग हैं। उन्होंने कहा कि भारत और बंगलादेश के बीच ऐतिहासिक रूप से उपयोग किये जाने वाले नदी मार्गों के पुनरुद्धार का काम भी चल रहा है और इससे द्विपक्षीय व्यापार की नयी संभावनायें खुलेंगी। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय जलमार्गों के माध्यम से क्षेत्रीय व्यापार क्षमता में सुधार हो। बंगलादेश के अंतरदेशीय जल परिवहन प्राधिकरण के प्रमुख कमोडोर गोलम सादेक ने कहा कि समुद्री क्षेत्र में अपार अवसर हैं और भारत के साथ सुगम व्यापार को बढ़ावा देने के लिए पहले ही बहुत कुछ किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2001 से व्यापार में 40 प्रतिशत वृद्धि हुई है और आने वाले भविष्य में और भी बहुत कुछ होने की उम्मीद है। हमारा एक मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए क्रूज सुविधाएं प्रदान करना है। पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष प्रदीप मुल्तानी ने इस अवसर पर अंतरदेशीय जलमार्गों पर माल ढुलाई के देश के मॉडल हिस्से में अन्य सर्वश्रेष्ठ श्रेणी के बेंचमार्क की तुलना में सुधार की महत्वपूर्ण क्षमता है। देश के अंतरदेशीय जलमार्गों की हिस्सेदारी बढ़ाना जरूरी है क्योंकि जल परिवहन सबसे किफायती और पर्यावरण अनुकूल होता है। श्री मुल्तानी ने बंदरगाह,नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी मेरीटाइम इंडिया विजन 2030 रिपोर्ट के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि फिलहाल भारत में आंतरिक माल परिवहन में जलमार्गों का हिस्सा केवल छह प्रतिशत है जबकि बंगलादेश 16 प्रतिशत और थाईलैंड में 12 प्रतिशत आंतरिक माल ढुलाई जल मार्गों से होती है। उन्हाेंने कहा कि भारत में माल परिवहन के लिए जलमार्ग सुविधाओं को बढ़ाने के लिए काफी गुंजाइश है। उन्होंने राष्ट्रीय जलमार्गों के लिए एक एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म की आवश्यकता पर बल दिया।...////...
© 2025 - All Rights Reserved - mpenews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^