25-May-2025 09:13 PM
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नयी दिल्ली 25 मई (संवाददाता) प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान ने रविवार को सेना की उत्तरी एवं पश्चिमी कमान मुख्यालय का दौरा किया और ऑपरेशन सिंदूर के बाद रणनीतिक समीक्षा के साथ साथ संचालन तैयारियों का आकलन किया।
जनरल चौहान ने जम्मू कश्मीर के उधमपुर में सेना की उत्तरी कमान और हरियाणा के चंडीमंदिर सैन्य स्टेशन में पश्चिमी कमान का दौरा किया। उन्होंने ऑपरेशन सिन्दूर की योजना बनाने तथा उसे अमल में लाने वाले सेना कमांडरों, लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा , लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार और वरिष्ठ स्टाफ अधिकारियों के साथ विस्तार से बातचीत की। उन्होंने उत्तरी और पश्चिमी थिएटरों में रणनीतिक समीक्षा और संचालन तैयारियों का आकलन किया।
उधमपुर में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आतंकवादी नेटवर्क, आतंकवाद को समर्थन देने वाले दुश्मन के ठिकानों को नष्ट किये जाने और अपनी सैन्य संपत्तियों तथा नागरिक आबादी की रक्षा के लिए उठाए गए जवाबी कदमों में उत्तरी सेना की सफलता के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें सीमावर्ती क्षेत्रों के नागरिकों के पुनर्वास में उत्तरी सेना द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में बताया गया, जिन्हें दुश्मन ने निशाना बनाया था। उत्तरी कमान के कमांडर ने सेना की निरंतर परिचालन और रसद तैयारियों पर एक अपडेट दिया और उन्हें सीमाओं की रक्षा करने की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया। यह भी बताया गया कि जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने के लिए व्यापक प्रयास शुरू किया गया है। चंडीमंदिर में पश्चिमी सेना के कमांडर द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान गतिज और गैर-गतिज दंडात्मक प्रतिक्रिया पर व्यापक जानकारी दी गई। पश्चिमी सीमाओं पर मौजूदा सुरक्षा स्थिति को रेखांकित करते हुए परिचालन वातावरण, रक्षा तैयारियों और ऑपरेशन के प्रमुख परिणामों का विस्तृत अवलोकन प्रदान किया गया।
इसके अलावा उच्च परिचालन दक्षता, वास्तविक समय की स्थिति के बारे में जागरूकता, पश्चिमी सेना की सैन्य क्षमता को मजबूत करने में योगदान देने वाले तकनीकी संचार और बढ़ी हुई रसद क्षमता पर भी प्रकाश डाला गया। प्रमुख रक्षा अध्यक्ष को सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मियों को दी जाने वाली वेटरन्स केयर और मेडिकेयर सुविधाओं के बारे में भी जानकारी दी गई, जो राष्ट्रीय हित में काम करने वाले लोगों के कल्याण के लिए भारतीय सेना की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जनरल अनिल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कर्तव्य की वेदी पर सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुरों को याद किया और सभी रैंकों की वीरता, संकल्प, सटीकता और अनुशासन की सराहना की।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर और पंजाब में उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं के लिए जिम्मेदार फील्ड फॉर्मेशन की परिचालन उत्कृष्टता की सराहना की। उन्होंने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में परिचालन कार्यों के समग्र तालमेल और समय पर पूरा होने की सराहना की। उन्होंने उभरते खतरों से निपटने के लिए सेवाओं में निरंतर सतर्कता, संयुक्तता और तालमेल के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने दुश्मन की कार्रवाई से प्रभावित नागरिकों के पुनर्वास में मदद करने का आह्वान किया।उन्होंने सैन्य अभियानों के अनुकरणीय आचरण और सफल निष्पादन के लिए गहरी प्रशंसा व्यक्त की और राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों को प्राप्त करने में प्राप्त समग्र सफलता का श्रेय भारतीय सेना के उच्च मनोबल, अनुशासन और अटूट प्रतिबद्धता को दिया।...////...