झांसी की ऐतिहासिक धरोहर हैं शौर्य एवं बलिदान की जागृत प्रतिमाएं:अजय भट्ट
27-Aug-2022 09:38 PM 3449
झांसी 27 अगस्त (संवाददाता) उत्तर प्रदेश के झांसी आये केंद्रीय पर्यटन एवं रक्षा विभाग राज्यमंत्री अजय भट्ट ने बुदंलेखड के पर्यटन की असीम संभावनाओं को रेखांकित करते हुए शनिवार को कहा कि झांसी की भूमि पर आकर भीतर से आश्चर्यजनक वीरता एवं पराक्रम की अनुभूति होती है। हमारा देश प्राचीन काल से ही वीरांगनाओं की भूमि रहा है। यहां पर मातृशक्ति को देवी रूप में पूजा जाता है। झांसी का ऐतिहासिक किला यहां के पराक्रम और शौर्य की जागृत प्रतिमाएं हैं, यह धरोहर हमारे इतिहास की धाती हैं। श्री भट्ट की अध्यक्षता में यहां विकास भवन सभागार में बुंदेलखंड में पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए स्टॉकहोल्डर्स के साथ आवश्यक बैठक आज आयोजित की गई। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री ने कहा “ माननीय प्रधानमंत्री जी एवं मुख्यमंत्री जी का ध्यान बुंदेलखंड के विकास पर मुख्य रूप से आकृष्ट है। हमें अपने देश का दृश्य दर्शन अपने जीवन में एक बार अनिवार्य रूप से करना चाहिए। माननीय नरेंद्र मोदी जी के देश के प्रधानमंत्री पद पर आसीन होने के पश्चात देश के पर्यटन विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है।” उन्होंने कहा “ हमारे देश में 310 विदेशी उत्पादों का आयात बंद कर दिया गया है, अब यह उत्पाद हमारे देश में ही तैयार किए जा रहे हैं। आत्मनिर्भर भारत के तहत देश में पर्यटन के क्षेत्र में अनेक ऐसे कार्य किए जा रहे हैं जो विश्व पटल पर अनोखी छवि प्रदर्शित करते हैं। पर्यटन के क्षेत्र में हमने रीजनल कनेक्टिविटी के तहत अनेक विकासकारी कीर्तिमान प्राप्त किए हैं। सरकार की महत्वकांक्षी योजना प्रसाद योजना के तहत झांसी के पर्यटन विकास को नए पंख लगाए जाएंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना में रेडी, खुमचे, पटरी एवं ठेला लगाने वाले रोजमर्रा के श्रमिकों के कल्याण हेतु 50,000 रूपये का ऋण प्रदान करने की व्यवस्था की गई है, जनपद के पात्र लाभार्थी इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ अवश्य लें।” बैठक में जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से श्री भट्ट को झांसी एवं उसके आसपास के सड़क मार्ग के मानचित्र के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि झांसी में कुल 24 ऐतिहासिक किले स्थित है, यहां पर पर्यटन विकास की असीम संभावनाएं है, झांसी बुंदेलखंड का गेटवे माना जाता है। उन्होंने बताया कि झांसी का किला लगभग 400 वर्ष पुराना है जिसका निर्माण 1613 में किया गया था हाल ही में प्रधानमंत्री ने इस किले में महारानी लक्ष्मी बाई के पराक्रम एवं शौर्य पर आधारित लाइट एंड साउंड शो प्रदर्शन का शुभारंभ किया । उन्होंने केंद्रीय मंत्री को गणेश मंदिर, इसके पास ही पानी वाली धर्मशाला , अटल एकता पार्क, गढमऊ झील, टहरौली किला, बरुआसागर किला, पारीछा बांध, सुकवा-डुंकुवा बांध, मेजर ध्यानचंद प्रतिमा जैसे पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी दी।...////...
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