कठुआ में भारी बारिश के बाद आयी बाढ़ में सात लोगों की मौत, कई घायल
17-Aug-2025 05:26 PM 2343
जम्मू, 17 अगस्त (संवाददाता) जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के राजबाग-घाटी इलाके में भारी बारिश के कारण अचानक आयी बाढ़ में रविवार को कम से कम सात लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए । अधिकारियों ने बताया कि कठुआ जिले में रात भर हुयी भारी बारिश के कारण सुबह अचानक बाढ़ आ गयी। इस त्रासदी के कारण जिले के कुछ हिस्सों में सात लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। उन्होंने कहा, "घाटी क्षेत्र के ऊपरी इलाकों में भी बादल फटने की भी खबरें हैं।" उन्होंने आगे कहा कि भारी बारिश के कारण अचानक बाढ़ आ गई, जिससे घरों और अन्य बुनियादी ढाँचों को नुकसान पहुँचा। इसके अलावा,जंगलोट और आसपास के इलाकों में रेलवे ट्रैक और जम्मू-कठुआ राष्ट्रीय राजमार्ग के कुछ हिस्सों को भी नुकसान पहुँचा है। उन्होंने कहा, "सड़कों पर पानी भर गया है और बाढ़ का पानी पुराने कठुआ शहर के कई घरों में भी घुस गया है।" पुलिस और सेना की टीमों के साथ-साथ एसडीआरएफ को भी बचाव अभियान में लगाया गया है और प्रभावित परिवारों तक पहुँचने के लिए बचाव अभियान शुरू किया गया है। घायलों को अस्पताल पहुँचाया जा रहा है, और उन्हें निकालने के लिए हेलीकॉप्टर की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि कठुआ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) राहुल चरक के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर पुलिस, एसडीआरएफ और सीआरपीएफ के जवानों की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं और जंगलोट के भांगर गांव के दिलवाने इलाके में बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू किया है। यहां एक मां –बेटी की इस आपदा में मौत हो गई है। पुलिस, सेना और एसडीआरएफ ने कठुआ के राजबाग के जोडे इलाके में प्रभावित परिवारों तक पहुंचने के लिए बचाव अभियान शुरू किया गया है, जहां एक ही परिवार के तीन सदस्यों सहित पांच लोगों की इस त्रासदी में मौत हो गई। मृतकों की पहचान गांव भांगर, जंगलोट, कठुआ निवासी रेणु देवी (39), पत्नी प्रवीण सिंह और उनकी बेटी राधिका (9 वर्ष) के रूप में हुई है । इसके अलावा जोडे, घाटी, तहसील राजबाग, कठुआ के निवासी सुरमू दीन (30), उनके बेटे फानू (6), शेदू (5), हबीब दीन के पुत्र ताहू (2 वर्ष), बशीर अहमद की बेटी जुल्फान (15) मृतकों में शामिल हैं। जबकि घायलों की पहचान करूम बेगम (26), राफिया बेगम (4), अर्शिया बेगम (6), परवीन अख्तर (8), गोगली बेगम (26) और नगीना (3 महीने) के रूप में हुई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आपदा पर प्रतिक्रिया जताते हुए एक्स पर पोस्ट किया, "कठुआ में बादल फटने की घटना के संबंध में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात की। स्थानीय प्रशासन का राहत और बचाव कार्य जारी है और एनडीआरएफ की टीमें भी घटनास्थल पर पहुँच गई हैं। मोदी सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया गया है। हम जम्मू-कश्मीर के अपने बहनों और भाइयों के साथ मजबूती से खड़े हैं।" केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, "घायलों को उचित अस्पतालों में पहुँचाने के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं की व्यवस्था की गई है। छह घायलों को पठानकोट के मामून में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।।"उन्होंने कहा, "पुलिस उपमहानिरीक्षक शिव कुमार शर्मा अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर डेरा डाले हुए हैं और लगातार संपर्क में हैं। आवश्यकता पड़ने पर आगे की सहायता की व्यवस्था की जाएगी।" उन्होंने कहा कि नागरिक प्रशासन, सेना और अर्धसैनिक बल तुरंत हरकत में आ गए हैं और स्थिति पर लगातार नज़र रखी जा रही है। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "कठुआ के कई इलाकों में बारिश के कारण हुए विनाशकारी भूस्खलन में लोगों की मौत से गहरा दुख हुआ है।" उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और प्रशासन के बचाव और राहत कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने आगे कहा, "मैंने प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और सहायता कार्यों को चलाने के लिए समन्वय और क्रियान्वयन करने तथा मौके पर चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। मेरी संवेदनाएँ शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं और मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ।" जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया है और अधिकारियों को बादल फटने और भूस्खलन प्रभावित कठुआ जिले में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राहत, बचाव और निकासी के उपाय करने का निर्देश दिया है। इस बीच, मौसम विभाग ने 18 अगस्त तक डोडा, जम्मू, कठुआ, किश्तवाड़, पुंछ, राजौरी, रामबन, रियासी, सांबा और उधमपुर में हल्की से मध्यम स्तर की बाढ़ का खतरा जताया है।मौसम विभाग ने कहा है कि अगले तीन दिनों तक जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में भारी बारिश होगी। अधिकारियों ने बताया कि पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन का खतरा ज़्यादा है और संवेदनशील क्षेत्रों में बादल फटने की भी आशंका है। लोगों से कहा गया है कि जब तक बहुत ज़रूरी न हो, यात्रा करने से बचें और जलाशयों के पास जाने से बचें।...////...
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