केंद्र ने दी एसबीएम-यू 2.0 के तहत बंगाल के लिए 860.35 करोड़ रुपये की मंजूरी
27-Jun-2024 11:28 PM 6010
नयी दिल्ली 27 जून (संवाददाता) केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल में पश्चिम बंगाल में शहरी स्वच्छता बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छ भारत मिशन -एसबीएम-यू 2.0 के तहत 860.35 करोड़ रुपये देने का निर्णय लिया है। केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार मंत्रालय ने एसबीएम-यू 2.0 के तहत पश्चिम बंगाल के लिए 860.35 करोड़ रुपये देने की मंजूरी प्रदान की है। मंत्रालय ने बताया है कि एसबीएम-यू (2014-19) के पहले चरण में राज्य को कुल 911.34 करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया गया था, जिसे एसबीएम-यू 2.0 (2021-26) में 1.5 गुना बढ़ाकर 1449.30 करोड़ कर दिया गया है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि मंत्रालय अपशिष्ट प्रबंधन एवं स्वच्छता में प्रगति हासिल करने के लिए पश्चिम बंगाल के साथ मिलकर काम कर रहा है। मौजूदा समय में राज्य में 118 पुराने अपशिष्ट डंप स्थल हैं, जिनमें से केवल पांच प्रतिशत कचरे का ही निपटारा किया जाता है। मंत्रालय ने कहा है कि कोलकाता का मुख्य नगरपालिका डंपिंग ग्राउंड धापा लैंडफिल 1987 से ही बायो-माइनिंग और बायोरेमेडिएशन से गुजर रहा है, जो विरासत में मिले कचरे को साफ करने के लिए राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) द्वारा अपनायी गयीं विधियाँ हैं और जो कचरे से उपयोगी सामग्री निकालने की अनुमति देती हैं। विज्ञप्ति के अनुसार पश्चिम बंगाल के शहरों में प्रतिदिन लगभग 4,046 टन ठोस अपशिष्ट उत्पन्न होता है। एसबीएम-यू 2.0 के तहत राज्य ने इस विशाल मात्रा के अपशिष्ट के प्रबंधन के लिए परियोजनाओं का प्रस्ताव दिया है, जिसमें 4800 से अधिक खाद संयंत्र और 4500 सामग्री पुनर्प्राप्ति सुविधाएं (एमआरएफ) शामिल हैं। पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित तरीके से ठोस अपशिष्ट के निपटान की सुविधा के लिए राज्य द्वारा 2216 सुरक्षित लैंडफिल सुविधाएं (एसएलएफ) प्रस्तावित की गई हैं। एसबीएम-यू 2.0 के तहत 100 से अधिक यूएलबी में पुराने अपशिष्ट डंपसाइटों के सुधार के लिए 217 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। स्वच्छता एवं अपशिष्ट प्रबंधन के लिए राशि का निर्बाध प्रवाह बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य द्वारा प्रस्तावित परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने हेतु 209 करोड़ रुपये की अतिरिक्त किश्त जारी की है। स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के तहत 2026 तक राज्य के सभी शहरों में अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र लगाने का लक्ष्य है।...////...
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