01-Feb-2022 11:37 PM
1833
मुंबई, 01 फरवरी (AGENCY) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बजट काफी निराशाजनक और दिशाहीन है।
श्री ठाकरे ने कहा,'यह कर्मचारियों और आम जनता के लिए एक निराशा है। देश में बढ़ती बेरोजगारी का कोई ठोस जवाब नहीं है। इनमें से कितने सपने वास्तव में पूरे हुए हैं, यह जाने बिना ही 2022-23 के बजट में लोगों के सामने नए सपने पेश किए गए हैं लेकिन बजट अतीत और वर्तमान के सपनों को पूरा करने के लिए कोई दिशा नहीं दिखाता है।'
उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास और नरेगा के लिए बजटीय प्रावधान कम कर दिया गया है। इससे न केवल ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में मुश्किलें आएंगी बल्कि नरेगा के माध्यम से किसानों के लिए लागू की गई विभिन्न योजनाओं पर भी असर पड़ेगा। ऐसे में किसानों की आय दोगुनी कैसे हो सकती है।
उन्होंने कहा कि बजट में किसानों को उनके बैंक खातों में न्यूनतम मूल्य के भुगतान के अलावा कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई है। कोरोना ने कृषि पर निर्भरता बढ़ा दी है।
श्री ठाकरे ने कहा कि इस पृष्ठभूमि में बजट में किसानों के लिए ठोस उपायों की जरूरत थी। सिंचाई और रोजगार सृजन से परे कृषि-प्रसंस्करण उद्योगों के विकास की उम्मीद इस बजट से की गई थी जो गायब है।
वित्त मंत्री ने निर्मला सीतारमण ने कहा कि वह आवास क्षेत्र में निजी डेवलपर्स के साथ किफायती आवास पर चर्चा करेंगी, जिसमें रोजगार के बड़े अवसर हैं। बजट में इसका कोई जिक्र नहीं है। सच तो यह है कि 80 लाख घर बनेंगे लेकिन क्रय शक्ति जन-जन तक आनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को रोजगार सृजन में तेजी लाने के उपायों की घोषणा करनी चाहिए थी।
उन्होंने कहा,'केंद्र सरकार ने पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों को 50 प्रतिशत ब्याज मुक्त ऋण से चालू वित्त वर्ष के लिए अपने आवंटन को बढ़ाकर 15,000 करोड़ रुपये कर दिया है। साथ ही अगले साल के लिए प्रावधान को बढ़ाकर एक लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।'
उन्होंने कहा कि यह स्वागत योग्य है। हालांकि केंद्र सरकार को इन ऋणों का आवंटन करते समय कठोर शर्तें नहीं लगानी चाहिए, अन्यथा राज्य को इस बढ़ी हुई सीमा से कोई लाभ नहीं मिलेगा।...////...