01-Feb-2022 10:34 PM
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मुंबई, 01 फरवरी (AGENCY) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा वर्ष 2022-23 के लिए संसद के पटल पर मंगलवार को पेश किये गए केंद्रीय बजट पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि बजट से देश के आम नागरिकों को निराशा हुयी है।
मलिक ने संवाददाताओं से कहा कि इस बजट में युवाओं, किसानों या मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी नहीं है। यह एक बड़ी निराशा है। उन्होंने सूचना और प्रौद्योगिकी पर केंद्र सरकार के विशेष ध्यान पर भी चिंता व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि मुझे आश्चर्य है कि यह एक प्रौद्योगिकी-उन्मुख बजट था या देश का। सरकार को अन्य क्षेत्रों पर भी ध्यान देना चाहिए था। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था। हालांकि, आज का बजट 60 लाख नौकरियां पैदा करने की बात करता है। क्या पहले की घोषणा केवल जुमला (बयानबाजी) थी।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था। अब वह कहती है कि वह किसानों की आय बढ़ाने के लिए कदम उठाएगी।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने एलआईसी का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीसी) जारी करने का भी प्रस्ताव किया है, जो देश के सबसे भरोसेमंद सरकारी संगठनों में से एक रहा है।
महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री शिवसेना युवा विंग के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले इसे 'चुनावी घोषणापत्र' बताते हुए केंद्रीय बजट की खिंचाई की।
संवाददाताओं से बात करते हुए, श्री ठाकरे ने पूछा कि जीएसटी में वृद्धि से राज्यों को क्या मिलेगा?
इस बीच, शिवसेना ने आज केंद्रीय बजट को 'बेहद निराशाजनक' करार देते हुए कहा कि उसने न तो मध्यम वर्ग को कोई राहत दी है और न ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को '5 ट्रिलियन डॉलर' अर्थव्यवस्था बनाने के दृष्टिकोण का कोई संदर्भ है।...////...