01-Jul-2022 09:13 PM
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इंफाल, 01 जुलाई (AGENCY) मणिपुर के नोनी जिले में शुक्रवार को आठ और शव मिले, जिससे भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 16 हो गई।
मणिपुर पुलिस, सेना, असम राइफल्स, प्रादेशिक सेना, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) द्वारा टुपुल में घटनास्थल पर तलाशी अभियान जारी है। इस स्थल के पास 29 और 30 जून की रात को एक भूस्खलन ने प्रादेशिक सेना के एक शिविर को बहा दिया।
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने दूसरे दिन भी बचाव अभियान की निगरानी की और बचाव कार्य में लगे सभी लोगों से मुलाकात की। तलाशी अभियान में बचाव दल के करीब दस कॉलम लगाए गए हैं।
कीचड़ और पत्थरों को हटाने के प्रयासों में तालमेल एवं संयुक्त संचालन कार्य बल समन्वय कर रहा है। मलबे में दबे कर्मियों की उपस्थिति का पता लगाने के लिए ए थ्रू वॉल रडार को भी हवा से इस्तेमाल किया जा रहा है।
श्री बीरेन सिंह ने तुपुल रेलवे निर्माण शिविर का भी दौरा किया जहां भूस्खलन हुआ था। उन्होंने भूस्खलन को राज्य में अब तक की सबसे बुरी घटनाओं में से एक करार दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भूस्खलन से लगभग 81 लोग प्रभावित हुए और 18 को बचाया गया।
उन्होंने कहा कि मणिपुर पुलिस कर्मियों, एनडीआरएफ, एसआरडीएफ और सेना के जवानों के बचाव अभियान दल ने गुरुवार को आठ शवों के अलावा आज दिन के दौरान आठ और शव बरामद किए।
उन्होंने कहा कि नरम मिट्टी के कारण, भूस्खलन के वास्तविक क्षेत्र की सड़कों को बहाल नहीं किया जा सका है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने लापता व्यक्तियों को बरामद करने के लिए संभावित जनशक्ति और मशीनों का उपयोग करके सभी प्रयास किए हैं।
मुख्यमंत्री ने घटना पर चिंता जताने और एनडीआरएफ के जवानों को भेजकर सहायता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया।
उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले दो-तीन दिनों में सभी लापता लोगों का पता लगा लिया जाएगा। उन्होंने बताया है कि सेना द्वारा लद्दाख से उपकरण लाए गए थे जो थ्रू वॉल रडार सिस्टम का उपयोग करके शवों के ठिकाने का पता लगा सकते हैं।
अभी तक 13 प्रादेशिक सेना के जवानों और पांच नागरिकों को सुरक्षित बचा लिया गया है जबकि नौ प्रादेशिक सेना के जवानों और एक नागरिक के घातक अवशेष बरामद किए गए हैं। करीब 49 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं।...////...