28-Aug-2023 11:31 PM
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नयी दिल्ली, 28 अगस्त (संवाददाता) बॉलीवुड अभिनेता मनोज जोशी ने कहा कि कला एक असीमित क्षेत्र है और मनुष्य की प्रत्येक अभिव्यक्ति कला है इसलिए दृश्य कला आज रचनात्मकता और सामग्रियों की विभिन्न धाराओं का मिलन बिंदु है।
श्री जोशी ने राष्ट्रीय राजधानी में स्थित ललित कला अकादमी द्वारा शुरू की गई 63वीं राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी (एनईए) के उद्घाटन के अवसर पर यह बात कही। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता ललित कला अकादमी के अध्यक्ष प्रो. वी.नागदास ने की।
इस मौके पर बीस राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कलाकारों को एक शॉल, प्रशस्ति प्रमाण पत्र और दो लाख रुपये से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, गणमान्य व्यक्तियों द्वारा डिजाइन और शोध किया गया सचित्र कैटलॉग भी जारी किया गया।
श्री जोशी ने कहा कि ललित कला अकादमी भारतीय कला परिदृश्य को निरंतर नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है। उन्होंने कहा कि समकालीन कलाकार हमेशा नए माध्यमों और सामग्रियों के साथ प्रयोग करते रहते हैं। इस क्रम में आज का नवीनतम चलन आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस (एआई) की बदौलत तैयार कलारूपों को रखा जा रहा है।
इस अवसर पर अभिनेता, निर्देशक और लेखक चंद्रप्रकाश द्विवेदी, मुंबई के प्रख्यात कलाकार वासुदेव कामत, संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर किशोर के. बासा, भारतीय सांस्कृतिक संबंध आयोग के महानिदेशक कुमार तुहिन, मंगोलिया के राजदूत डैम्बाजाव्यन गनबोल्ड, इस्राएल के राजदूत नाओर गिलोन सहित विभिन्न क्षेत्रों के अनेक गणमान्य अतिथि शामिल हुए।
प्रो नागदास ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी न केवल देश में बल्कि विश्व में शांति और सद्भाव प्राप्त करने में सांस्कृतिक कूटनीति के प्रभावों के महत्व को रेखांकित करते रहे हैं। कला ही नरम कूटनीति का एक सशक्त माध्यम है।'
उन्होंने कहा, 'हम युवा प्रतिभाओं को खोजने, उन्हें अवसर प्रदान करने और उन्हें सम्मानित करने के लिए प्रतिबद्ध
हैं।'
श्री चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने कहा, 'संघर्ष हमारे जीवन का एक हिस्सा है और संघर्ष केवल भौतिकवादी संघर्ष तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए। एक सच्चे कलाकार के लिए जीवन संघर्षशील रहता है। वह हमेशा किसी नए की तलाश में लगा रहता है और यही एक कलाकार के लिए सबसे बड़ा संघर्ष है।'
श्री वासुदेव कामत ने कहा कि एक कलाकार के रूप में उनकी दृढ़ता ही सफलता की कुंजी है।...////...