15-Feb-2022 11:19 PM
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कोलकाता, 15 फरवरी (AGENCY) देश की दिग्गज गायिका संध्या मुखर्जी का मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से यहां के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया है। अस्पताल के सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है।
वह 90 साल की थीं और उनके परिवार में बस उनकी एक बेटी हैं।
सांस लेने में तकलीफ होने की वजह से उन्हें दो हफ्ते पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां कोरोना महामारी की जांच में वह पॉजिटिव पाई गई थीं। इस बीच, उनकी हालत में धीरे-धीरे सुधार भी देखने को मिल रहा था। वह कोरोना की जांच में नेगेटिव भी पाई गईं।
हालांकि काफी लंबे समय से चली आ रही गैस की समस्या की वजह से मंगलवार को अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। रक्तचाप कम होने की वजह से उन्हें वैसोप्रेशर सपोर्ट पर रखा गया। आखिरकार शाम के साढ़े सात बजे उन्होंने अपनी आखिरी सांस लीं।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
श्री धनखड़ ने ट्वीट किया है, 'महान संगीत कलाकार बंग विभूषण गीतश्री संध्या मुखोपाध्याय के निधन से बेहद दुखी हूं। उनका निधन संगीत की दुनिया के लिए बहुत बड़ी क्षति है जिसे हमेशा महसूस किया जाएगा।'
मुख्यमंत्री ने उन्हें "मधुर ध्वनि की रानी" के रूप में सम्मानित करते हुए कहा कि उनके जाने से संगीत की दुनिया और उनके लाखों अनुयायियों के दिलों में हमेशा के लिए एक सूनापन आ गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने हमेशा उन्हें अपनी बड़ी बहन के रूप में देखा है और उनका जाना उनकी व्यक्तिगत क्षति है।
उल्लेखनीय है कि गायिका संध्या मुखर्जी के पार्थिव शरीर को आज रात के लिए मोर्चरी में रखा जाएगा।
4 अक्टूबर, 1931 को दक्षिण कोलकाता के ढाकुरिया में जन्मी संध्या ने पंडित संतोष कुमार बसु, प्रोफेसर एटी कानन और प्रोफेसर चिन्मय लाहिड़ी के मार्गदर्शन में संगीत का प्रशिक्षण शुरू किया। लेकिन उन्होंने उस्ताद बड़े गुलाम अली खान को अपना गुरु माना और उनके बाद उनके बेटे उस्ताद मुनव्वर अली खान से तालीम लेते हुए उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत में महारत हासिल की। हालांकि उनके गाए हुए अधिकतर गीतों में आधुनिक बंगला गीत ही शामिल हैं।
वह मुंबई भी गई थीं और सन् 1950 में फिल्म 'ताराना' में अपने गाए हुए एक गीत के साथ उन्होंने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने 17 हिंदी फिल्मों के लिए प्लेबैक किया, लेकिन किन्हीं निजी कारणों से सन् 1952 में वह कोलकाता लौट आईं।
उन्होंने सन् 1966 में बंगाली कवि श्यामल गुप्ता से शादी की थी।...////...