17-May-2022 09:14 PM
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भोपाल, 17 मई (AGENCY) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारे शहर ग्रोथ के इंजन हैं। इन्हें सर्वसुविधायुक्त बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान कुशाभाऊ ठाकरे सभागार, भोपाल में 'मिशन नगरोदय' के अंतर्गत 21 हजार 858 करोड़ रुपए के विविध विकास कार्यों का शुभारंभ, लोकार्पण और भूमिपूजन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहरों के विकास के जो पांच मंत्र दिए हैं, उन पर मध्यप्रदेश तेजी से क्रियान्वयन करेगा। इनमें शहरों को राज्य का चेहरा बनाते हुए नागरिकों के जीवन को आसान बनाएंगे, प्रत्येक नगरवासी को गुणवत्तापूर्ण जीवन, निर्धन वर्ग को असानताओं से मुक्त कर लाभान्वित करने और आत्मसम्मान के साथ जीने की सुविधा देने का मंत्र शामिल है। शहर साफ-सुंदर हों, कोई भूखा न सोए, कोई बेघर और बेरोजगार न हो, कोई अनाथ न हो, गरीबों के अपने पक्के मकान का सपना पूरा हो और शहरों में कोई कुविचारी भी न हों, ऐसी व्यवस्था बनाने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि निर्धन वर्ग को आवास के लिए स्थान निर्धारित कर पट्टे एवं पक्का घर देने का कार्य किया जाएगा। जिस जगह नागरिक रहते हैं वहीं पक्के मकान के लिए राशि प्रदान की जाएगी। श्री मोदी ने वर्ष 2024-25 तक हर गरीब को अपना पक्का मकान उपलब्ध कराने का संकल्प लिया है। मध्यप्रदेश इस संकल्प को पूरा करने में आगे रहेगा। दबंगों से मुक्त करवाई गई 21 हजार एकड़ भूमि पर गरीब वर्ग के आवास गृह निर्मित करने की योजना मूर्तरूप लेगी। मुख्यमंत्री ने नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह और उनकी टीम को नगरों के विकास के लिए उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों के लिए बधाई दी। आज स्कूली बच्चों को कुपोषण से बचाने का अभिनव मूंग दाल वितरण कार्यक्रम भी शुरू हुआ जो देश में अनूठा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर अवैध कालोनियों की समस्या से भी जूझते हैं। इसके लिए कालोनियों को वैध करने की नीति तैयार की गई है। इन कालोनियों में सड़क और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। इन कालोनियों में वैध रूप से विद्युत कनेक्शन भी प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि भवन अनुज्ञा प्रदान करने का कार्य 30 दिन के स्थान पर 15 दिन में हो रहा है।
श्री चौहान ने कहा कि शहर सिर्फ सीमेंट कांक्रीट से बने भवनों की पहचान नहीं हैं, बल्कि मध्यप्रदेश के शहरों को अब इस तरह विकसित किया जाएगा कि देश ही नहीं दुनिया में उनकी अलग पहचान होगी। शहर सुविधायुक्त और सुरक्षित होंगे। शहरों की अधोसंरचना का विकास आवश्यक है। अमीर हो या गरीब, शहर सभी के लिए हैं। भोपाल शहर का मास्टर प्लान शहर के हित में ही तैयार होगा। अन्य स्थानों से नगरों में आने वाले लोगों को दस रुपए में भरपूर भोजन उपलब्ध कराने के लिए दीनदयाल रसोई केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी, इसके लिए राज्य सरकार आवश्यक बजट प्रदान करेगी। रैन बसेरों की व्यवस्था को भी और बेहतर बनाया जाएगा। बच्चों को नशे की आदतों से बचाकर समझाइश दी जाएगी। उनके लिए बनाए गए आश्रय स्थलों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। प्रत्येक नगर का गौरव दिवस मनाया जा रहा है। प्रदेश के 31 नगरों में गौरव दिवस मनाया गया है। शीघ्र ही भोपाल और इंदौर के गौरव दिवस में भी शहर के इतिहास ,संस्कृति और परम्पराओं पर आधारित कार्यक्रम होंगे। शहरों में आंगनवाड़ियों में खिलौ ने दान करने का अभियान भी चलेगा। वर्तमान में किसानों और अन्य वर्गों से भी अनाज और अन्य सामग्री आंगनवाड़ी केंद्रो के लिए प्राप्त हो रही है। श्रमिकों के कल्याण के लिए संबल योजना पुन: क्रियान्वित हो रही है। यह असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की जिंदगी बदलने वाली योजना है। योजना में पूर्व में काटे गए नाम पुन: जोड़े जाएंगे। ऑनलाइन पंजीयन भी हो रहे हैं। विवाह योजना में 55 हजार रुपए की राशि का लाभ दिया जा रहा है।
श्री चौहान ने कहा कि गत 26 जनवरी से स्टार्टअप समिट के बाद 750 करोड़ रुपए के निवेश में सफलता मिली है। बच्चों के आयडियाज पर स्टार्टअप प्रारंभ हो रहे हैं। इस क्षेत्र में मध्यप्रदेश अलग कार्य करके दिखाएगा। प्रदेश में शीघ्र ही 2 लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। हर महीने रोजगार दिवस मनाने से यह अवसर युवाओं को मिल रहे हैं। जनवरी से मार्च की तिमाही में करीब 14 लाख युवाओं को रोजगार के अवसर मिले हैं। स्ट्रीट वेंडर्स को योजना का अधिक से अधिक लाभ दिलवाने का कार्य होगा ताकि उनकी समृद्धि की राह पर चलने की गति बढ़े। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना में एक लाख से लेकर 50 लाख तक की ऋण राशि सरकारी गारंटी के साथ देने का प्रावधान है। अधिक से अधिक युवाओं को इसका लाभ दिलवाया जाएगा। जरूरतमंदों को रोजगार और स्वरोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर उपलब्ध करवाने का संकल्प है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 से पूर्व देश में स्वच्छता के प्रति वो गंभीरता नहीं दिखाई देती थी जो वर्तमान में है। सरकारी दफ्तरों तक पहुंचने वाले रास्ते पान की पीक के दर्शन कराते थे। शहरों में सार्वजनिक स्थानों पर भी गंदगी के ढेर लगे रहते थे। अब हमारा भारत स्वच्छ हो गया है। एक व्यक्ति ने दृश्य को ही बदल दिया है। प्रधानमंत्री ने शहरों के सौंदर्यीकरण और स्वच्छता का मंत्र देकर सभी का विचार बदल दिया है। वे एक समृद्ध, विकसित, गौरवशाली और वैभवशाली भारत का निर्माण कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री जी के स्वच्छता के मंत्र को अपनाते हुए अच्छे से अच्छा कार्य हो रहा है। इंदौर नगर एक उदाहरण बन चुका है। देश के 20 प्रमुख स्वच्छ शहरों में मध्यप्रदेश के चार शहर शामिल हैं। प्रदेश में पूर्व सरकार ने सिर्फ राशि न होने का रोना रोया। अब प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में उपचारित जल के उपयोग पर कार्य हो रहा है। खेतों और बाग बगीचों में ट्रीटेड वाटर इस्तेमाल में लिया जा रहा है। शहरों में शुद्ध पेयजल का प्रदाय हमारा संकल्प है, यही नहीं अच्छी सड़कों, फुटपाथ पार्क, सीवेज व्यवस्था के लिए निरंतर कार्य हो रहा है। मुख्यमंत्री अधोसंरचना के प्रथम,द्वितीय और तृतीय चरण में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया गया। शहरों के पेयजल प्रोजेक्ट बने, शहरों के विकास का नया अध्याय शुरू हुआ।
केन्द्रीय मंत्री श्री पटेल ने कहा कि ग्रे वॉटर मैनेजमेंट स्ट्रीट वेंडर्स को यूनिक आईडेंटिटी देना आवश्यक है। 2014 के बाद स्वच्छता , पर्यावरण और पेयजल के संबंध में देश में बेहिवियर हुआ है। कार्यों में जो परिवर्तन आया है वह एक क्रांति के समान है। पहले सरकारें बिना योजना, लक्ष्य निर्धारण के कार्य करती थीं।
समारोह में केंद्रीय जल शक्ति, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री, प्रहलाद सिंह पटेल के अलावा केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मुरैना से, केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, नई दिल्ली से और इस्पात और ग्रामीव विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, गुवाहाटी से वर्चुअली शामिल हुए। सांसद वी डी शर्मा, सांसद सुश्री प्रज्ञा सिंह ठाकुर, विधायक रामेश्वर शर्मा, और विधायक श्रीमती कृष्णा गौर उपस्थित थीं।...////...