मोदी की यात्रा के दौरान लग सकती है भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते पर मुहर
22-Jul-2025 09:15 PM 6850
नयी दिल्ली 22 जुलाई (संवाददाता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कल से शुरू होने वाली ब्रिटेन यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते पर मुहर लग सकती है। श्री मोदी बुधवार को 23 से 26 जुलाई तक दो देशों की चार दिन की यात्रा पर रवाना होंगे। यात्रा के पहले चरण में वह ब्रिटेन जायेंगे और दूसरे चरण में 25 जुलाई को मालदीव पहुंचेंगे। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मंगलवार को यहां विशेष ब्रीफिंग में कहा कि श्री मोदी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सर कीर स्टारमर के निमंत्रण पर ब्रिटेन की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। यह प्रधानमंत्री की ब्रिटेन की चौथी यात्रा होगी। इससे पहले वह 2015, 2018 और 2021 में ब्रिटेन की यात्रा कर चुके हैं। श्री मोदी अपने समकक्ष के साथ भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं पर व्यापक चर्चा करेंगे। वह क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। प्रधानमंत्री की राजा चार्ल्स तृतीय से भी मुलाकात की उम्मीद है। इस यात्रा के दौरान दोनों पक्ष व्यापार और अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और नवाचार, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु, स्वास्थ्य, शिक्षा और लोगों के बीच संबंधों पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए व्यापक रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की भी समीक्षा करेंगे। भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच इस समझौते को लेकर बातचीत मई में पूरी हो गयी थी और अब केवल औपचारिकताओं को पूरा किया जाना बाकी है। इस बीच सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच यह समझौता होने की पूरी उम्मीद है। इससे दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध और अधिक मजबूत होंगे। श्री मिस्री ने कहा कि ब्रिटेन भारत में छठा सबसे बड़ा निवेशक है और उसका भारत में 36 अरब डालर का निवेश है। भारत ब्रिटेन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का एक बड़ा स्रोत है, जिसका कुल निवेश लगभग 20 अरब डॉलर है। ब्रिटेन में लगभग एक हज़ार भारतीय कंपनियाँ हैं जो लोगों को रोज़गार प्रदान करती हैं। ब्रिटेन में भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त खालिस्तानी उग्रवादियों से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि ब्रिटेन को इस बारे में भारत की चिंताओं से अवगत करा दिया गया है। भगोड़े अपराधियों को भारत लाये जाने से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि दोनों देशों के आंतरिक मामलों के विभाग इस बारे में निरंतर बातचीत कर रहे हैं और इस संबंध में ब्रिटिश अधिकारियों की मांगों पर कदम उठाए जा रहे हैं। रूस के साथ व्यापारिक संबंधों के कारण नाटो की भारत सहित कुछ अन्य देशों पर प्रतिबंध लगाए जाने की धमकी से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि जहां तक देश की ऊर्जा जरूरतों का का सवाल है यह भारत की प्राथमिकता है। हम इसे पूरा करने के लिए सभी जरूर कदम उठायेंगे। उन्होंने इस मामले में दोहरे मापदंडों को अनुचित करार दिया। यात्रा के दूसरे चरण में श्री मोदी मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज़्ज़ू के निमंत्रण पर 25 से 26 जुलाई तक मालदीव की राजकीय यात्रा करेंगे। यह प्रधानमंत्री की मालदीव की तीसरी यात्रा होगी और डॉ. मुइज़्ज़ू के राष्ट्रपति बनने के बाद किसी राष्ट्राध्यक्ष या शासनाध्यक्ष की मालदीव की पहली यात्रा होगी। प्रधानमंत्री 26 जुलाई को मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ के समारोह में ‘मुख्य अतिथि ’ रहेंगे। प्रधानमंत्री डॉ. मुइज़्ज़ू से मुलाकात करेंगे और आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा करेंगे। श्री मोदी की इस यात्रा से भारत द्वारा अपने समुद्री पड़ोसी मालदीव को दिए जाने वाले महत्व का पता चलता है जो भारत की ‘पड़ोसी पहले’ की नीति और विजन ‘महासागर’ में विशेष स्थान रखता है। यह यात्रा दोनों पक्षों को अपने घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ तथा सुदृढ़ करने का अवसर प्रदान करेगी।...////...
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