30-Jul-2022 09:23 PM
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मुंबई 30 जुलाई (AGENCY) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि राज्य और मुंबई के लिए मराठियों के योगदान को कभी भी कम नहीं आंका जा सकता है।
श्री शिंदे ने ये बातें राज्यपाल कोश्यारी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही, जिसमें श्री कोश्यारी ने कहा था कि मैं लोगों को कभी-कभी कहता रहता हूं कि अगर गुजरातियों और राजस्थानियों को महाराष्ट्र से हटा दिया जाता है-खासकर मुंबई और ठाणे से, तो पैसा नहीं बचेगा।
श्री शिंदे ने नासिक में कहा, “मुंबई ने प्रगति की है और मराठियों की कड़ी मेहनत के कारण वित्तीय राजधानी के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त की है। राज्यपाल को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि महारा के लोगों के गौरव और छवि उनके बयानों से आहत न हो।”
वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने स्पष्ट रूप से कहा, “हम राज्यपाल के विचारों का समर्थन नहीं करते हैं। मराठियों को सभी क्षेत्रों में उनकी उपलब्धियों के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। मुंबई और महाराष्ट्र की प्रगति में उनका योगदान महत्वपूर्ण है और यहां तक कि राज्यपाल भी इस बात को जानते हैं... हम उनका समर्थ नहीं करते हैं।”
कांग्रेस महासचिव सचिन सावंत ने कहा कि राज्यपाल आदतन महाराष्ट्र और यहां के लोगों को नीचा दिखाते हैं और बदनाम करते हैं। उन्होंने कहा, “जिन लोगों ने उन्हें यहां भेजा है, उन्हें उन्हें वापस बुलाना चाहिए।”
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा कि श्री कोश्यारी यह भूल गए हैं कि प्रवासी समुदायों के उद्योगों और व्यवसायों को लाभदायक बनाने के लिए मराठियों ने अपनी जमीन और श्रम दिया है।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने इसे ‘कोश्यारी की होशियारी’ करार देते हुए राज्यपाल से कहा कि अगर वह राज्य के इतिहास को नहीं जानते हैं, तो वे बड़बड़ाते नहीं हैं, क्योंकि उनकी टिप्पणियों ने यहां के लोगों को पीड़ा दी है।
उन्होंने कहा, “मराठी लोगों और अन्य लोगों ने अपनी भूमि तथा श्रम दिया है। एक अनुकूल वातावरण सुनिश्चित किया है, जो यहां व्यापार करने के लिए लोगों को आकर्षित करता है। चुनाव से पहले, माहौल खराब करने की कोशिश मत करो या मराठियों को छोड़ दो, यही मेरा अनुरोध है।”
वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश अम्बेडकर ने हालांकि राज्यपाल की प्रशंसा की और कहा कि उन्होंने वास्तव में कांग्रेस, राकांपा, शिवसेना और भाजपा के चरित्र पर हमला किया है, जिन्होंने कई वर्षों तक शासन करने के बाद भी मराठियों को कोई व्यवसाय देने के लिए कुछ भी नहीं किया है। यहां के व्यवसायों पर राजस्थानियों तथा गुजरातियों-राजस्थानियों का नियंत्रण है।
उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र के लोगों को अपनी आँखें खोलनी चाहिए और सोचना चाहिए कि क्या इन पार्टियों का समर्थन करना चाहिए ... राज्यपाल ने अपने मन की बात कह दी है और यह राज्य का अपमान नहीं है।...////...