26-Dec-2022 10:49 PM
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हैदराबाद, 26 दिसंबर (संवाददाता) आंध्र प्रदेश में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को तीर्थयात्रा कायाकल्प एवं आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान (प्रसाद) के तहत श्रीशैलम मंदिर के 43.08 करोड़ रुपये की लागत से पूरी हुई विकास परियोजना का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर श्रीमती मुर्मू ने श्रीशैलम के नंदी सर्किल में केंद्र सरकार के कोष से निर्मित एक पर्यटन सुविधा केंद्र का भी उद्घाटन किया।
इस परियोजना को प्रसाद योजना के तहत स्वीकृत और पूरा किया गया है। तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत वृद्धि ड्राइव पर्यटन मंत्रालय की योजना है। यह परियोजना भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा 100 फीसदी वित्त पोषित है। परियोजना में निर्मित घटकों में एम्फीथिएटर, रोशनी, ध्वनि और प्रकाश शो, डिजिटल हस्तक्षेप, पर्यटक सुविधा केंद्र, पार्किंग क्षेत्र, चेंजिंग रूम, शौचालय परिसर, स्मारिका दुकानें, फूड कोर्ट, एटीएम और बैंकिंग सुविधा जैसे कार्य शामिल हैं। इसका उद्देश्य आगंतुकों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करके श्रीशैलम मंदिर को एक विश्व स्तरीय तीर्थ और पर्यटन स्थल बनाना है।
'तीर्थयात्रा कायाकल्प एवं आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान पर राष्ट्रीय मिशन' (प्रशाद) भारत सरकार द्वारा पूर्ण वित्तीय सहायता के साथ एक केंद्रीय योजना है। इसकी शुरुआत वर्ष 2014-15 में पर्यटन मंत्रालय ने की थी।
कार्यक्रम में तेलंगाना की राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सुंदरराजन, केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी, केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री श्रीपाद वाई. नाइक, आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं बंदोबस्ती मंत्री कोट्टू सत्यनारायण, पर्यटन, संस्कृति एवं युवा उन्नति मंत्री आर.के. रोजा, वित्त, योजना एवं विधायी मामलों के मंत्री बुगना राजेंद्रनाथ, सचिव (पर्यटन) भारत सरकार अरविंद सिंह और अन्य महत्वपूर्ण गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
इससे पहले श्रीमती मुर्मू ने हैदराबाद से आने के बाद श्रीशैलम मंदिर में पूजा-अर्चना की। श्रीशैलम श्री मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर भगवान शिव और उनकी पत्नी देवी पार्वती को समर्पित है और भारत में एकमात्र मंदिर है, जो शैववाद और शक्तिवाद दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। इस मंदिर प्रमुख देवता ब्रह्मरम्बा मल्लिकार्जुन स्वामी हैं और इसे भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक और देवी पार्वती के 18 महाशक्ति पीठों में से एक माना जाता है।...////...