06-Dec-2021 08:50 PM
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कोहिमा/शिलांग, 06 दिसंबर (AGENCY) पूर्वोत्तर राज्य नागालैंड के मोन जिले में तनाव के बीच सोमवार को नागा स्टूडेंट्स फेडरेशन (एनएसएफ) ने छह घंटे का बंद रखा। इस बीच राज्य में शनिवार को सुरक्षा अभियान के दौरान हुई गोलीबारी घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है।
तिरु और ओटिंग गांवों के बीच शनिवार को हुई गोलीबारी की दो अलग-अलग घटनाओं में छह दिहाड़ी मजदूरों समेत 13 ग्रामीणों की मौत हो गई थी वहीं रविवार को हिंसक प्रदर्शन के दौरान सुरक्षाबलों की गोलीबारी में एक अन्य ग्रामीण मारा गया। इस दौरान एक जवान भी शहीद हुआ है।
नागा स्टूडेंट्स फेडरेशन (एनएसएफ) ने सोमवार को नागालैंड में सुबह छह बजे से दोपहर 12 बजे तक बंद का आह्वान किया था। एनएसएफ ने नागा लोगों से आगमी पांच दिनों के शोक में शामिल होने की अपील की है।
मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। राज्य सरकार ने मुख्य जांच अधिकारी के रूप में पुलिस महानिरीक्षक (रेंज) लिमासुनेप जमीर के साथ अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) संदीप एम तमगडग की निगरानी में पांच सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया है।
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा और रियो ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) को समाप्त करने की मांग की है।
श्री संगमा ने कहा, “अब समय आ गया है कि सरकार अफस्पा को खत्म करने पर विचार करे जो हमारे लोकतंत्र की संरचना और भावना के साथ असंगत है।”
पीड़ितों के अंतिम संस्कार में शामिल हुए श्री रियो ने कहा, “मैंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बात की है। वह मामले को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। हम केंद्र सरकार से नागालैंड से अफ्सपा को खत्म करने की मांग कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, “अब उग्रवाद कहां है।”
विभिन्न चर्च संगठनों, नागालैंड ज्वाइंट क्रिश्चियन फोरम (एनजेसीएफ), नागालैंड बैपटिस्ट चर्च काउंसिल (एनबीसीसी), फेलोशिप ऑफ नागा बैपटिस्ट एसोसिएशन (एफएनबीए), राजनीतिक दलों, नागा राजनीतिक समूहों और नागरिक समाज संगठनों और छात्र निकायों ने ओटिंग गोलीबारी की घटना की निंदा की है और अफ्सपा को समाप्त करने का आह्वान किया है।
एनएसएफ ने अफस्पा को रद्द करने और पीड़ितों के लिए उचित मुआवजे की घोषणा के लिए नागालैंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की। नगालैंड में रविवार को दिवंगत लोगों मोमबती जलाकर श्रद्धांजलि दी गई।
इस घटना को लेकर सेना की ओर से जारी बयान में गहरा दुख व्यक्त किया गया। वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस घटना पर खेद प्रकट करते हुए पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की। उन्होंने कहा, “नागालैंड के ओटिंग के मोन में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना से दुखी हूं। मैं घटना में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।”
इस बीच राज्यभर में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया था और मोन जिले में प्रशासन ने धारा 144 लगा दी गई है।
सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) ने कहा कि अगले तीन दिनों के लिए सभी कार्यालयों और व्यक्तिगत आवासों में पार्टी का झंडा आधा झुका रहेगा।
नागालैंड कांग्रेस ने मृतकों के लिए एक करोड़ रुपये और घायलों के 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की मांग की है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, शनिवार को हुई गोलीबारी की घटना में असम रायफल्स शामिल नहीं थी। गंभीर रूप से घायलों में से कुछ को चार्टर्ड हेलीकॉप्टर से दीमापुर ले जाया गया और सीआईएचएसआर में भर्ती कराया गया।
पूर्वोत्तर छात्र संगठन (एनईएसओ) ने नौ दिसंबर को पूर्वोत्तर के सात राज्यों में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है।...////...