नागरिक-सैन्य समन्वय बहुत महत्वपूर्ण: राजनाथ
13-Jun-2022 11:40 PM 1932
मसूरी 13 जून (AGENCY) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि नागरिक-सैन्य समन्वय बहुत महत्वपूर्ण है। हम सशस्त्र बलों में पूरी तरह से संयुक्तता स्थापित करेंगे। श्री सिंह उत्तराखंड के देहरादून जनपद अन्तर्गत मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में '28वें संयुक्त नागरिक-सैन्य प्रशिक्षण कार्यक्रम' का सोमवार को उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज तक भारत ने किसी देश पर आक्रमण किया है, न ही किसी देश की एक इंच भूमि पर क़ब्ज़ा किया है। श्री सिंह ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है हम समन्वय के जिस पथ पर आगे बढ़ रहे हैं, वह न केवल हमारी अपनी समग्र सुरक्षा, बल्कि पूरे विश्व में शांति के एक नए दौर तक पहुँचेगा। उन्होंने इस तरह के संयुक्त नागरिक-सैन्य कार्यक्रम इस राह में अपनी भूमिका लगातार बनाए रखेंगे। रक्षा मंत्री ने कहा कि आजादी के पहले देश में बिल्कुल अलग शासन व्यवस्था थी। सैकड़ों की संख्या में रियासतों की अपनी व्यवस्था थी, तो अंग्रेजों की अपनी अलगI पर 1947 में अपनी स्वतंत्रता के बाद इस देश ने गवर्नेंस की पुरानी धारा को नए स्वरूप में परिवर्तित होते देखा। उन्होंने कहा कि एक समग्र दृष्टिकोण के अभाव और सालोस में काम करने के चलते देश के सभी हिस्सों में विकास समान रूप से नहीं पहुंच पाया। श्री सिंह ने कहा कि उन्होंने कहा कि देश को सुचारू रूप से चलाने के लिए कार्यों का यह विभाजन आवश्यक था। पर कालांतर में सभी विभाग और मंत्रालय सिलोस में काम करने लगेI उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस तरह के पुराने एप्रोच को हटाकर एक नई एप्रोच के साथ कार्य करने पर जोर दिया। हमारे प्रधानमंत्री जी का एप्रोच है, कि सिलोस में काम न करके संयुक्तता के साथ काम किया जाए। श्री सिंह ने कहा कि आधुनिक युग में देखें तो आप पाएँगे कि सेकेंड वर्ल्ड वॉर में अमेरिका की विजय के पीछे केवल सैनिकों का ही योगदान नहीं था बल्कि इस महायुद्ध में अमेरिकी समाज के अन्य लोगों, ख़ासकर महिलाओं ने भी अपना पूरा योगदान दिया। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा का कांसेप्ट पहले की अपेक्षा अब बहुत व्यापक हो गया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि सामान्य तौर पर तो इसे सैन्य प्रहार से अपनी सुरक्षा से जोड़ा जाता है, पर अब इसमें अनेक नॉन मिलिट्री डाइमन्सन भी जुड़ गए हैं। श्री सिंह ने कहा कि अब हम जिस नए एप्रोच के साथ कार्य कर रहे हैं, उसमें समाज का हर वर्ग विकास की ओर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि नेशनल सिक्योरिटी के संदर्भ में जवाइंटनेस की बात और अधिक रिलीवेंट और आवश्यक हो जाती है। उन्होंने कहा कि इसी तरह ग्रे जोन कांफिलिकट से निपटने के लिए, और हमारी नेशनल सिक्योरिटी को और सुदृढ़ करने के लिए भी हम जवाइंटनेस की ओर आगे बढ़ रहे हैं। इस बैकग्राउंड में, संयुक्त नागरिक-सैन्य कार्यक्रम के महत्व को समझा जा सकता है। रक्षा मंत्री ने कहा कि आप सभी पिरैक विक्ट्री के बारे में जानते होंगे, यानी ऐसी जीत, जो किसी काम की न हो। ऐसे में हम पिछले कुछ दशकों में देखें, तो दुनिया की बड़ी शक्तियों ने फुल स्केल वॉर को नजरअंदाज किया है। अब इनकी जगह प्रोकैस और नॉन कांटेक्ट वॉर्स ने ले लिया है।...////...
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