11-Nov-2022 09:26 PM
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पटना 11 नवंबर (संवाददाता) बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का न बिहार के बाहर कहीं प्रभाव है और न राज्य के भीतर वे अपना जनाधार बचा पाये इसलिए विपक्षी एकता की उनकी मुहिम फ्लॉप कर गई।
श्री मोदी ने शुक्रवार को यहां बयान जारी कर कहा कि गोपालगंज और मोकामा के उपचुनाव में श्री नीतीश कुमार अपना लव-कुश और अतिपिछड़ा वोट राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को ट्रांसफर नहीं करा पाये। उनका आधार वोट भाजपा की तरफ खिसक गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद न श्री मल्लिकार्जुन खडगे ने और न भारत जोड़ो यात्रा पर निकले श्री राहुल गांधी ने ही श्री नीतीश कुमार को आमंत्रित किया।
भाजपा नेता ने कहा, "विपक्षी एकता के नाम पर केसीआर बिहार आए थे लेकिन श्री नीतीश कुमार के साथ बात नहीं बनी। अब उन्होंने अपनी राष्ट्रीय पार्टी बनाकर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी से हाथ मिला लिया है।" उन्होंने कहा कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और श्री केजरीवाल की पार्टी को एक साथ लाने में श्री नीतीश कुमार कोई भूमिका नहीं निभा सके। दोनों जगह दोनों विपक्षी दल एक- दूसरे के खिलाफ भी लड़ रहे हैं।
श्री मोदी ने कहा कि जब श्री नीतीश कुमार को कोई नेता मानने को तैयार नहीं, तब विपक्षी एकता के नाम पर जदयू का राजद में विलय कराने के अलावा उनके पास कोई रास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों दिल्ली में केजरीवाल, चौटाला और अखिलेश यादव से नीतीश कुमार के मिलने का कोई फालोअप नहीं हुआ।
भाजपा नेता ने कहा कि श्री केजरीवाल ने कांग्रेस के साथ खड़ा होना नामंजूर कर दिया और आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में घिरे श्री ओम प्रकाश चौटाला ने चुप्पी साध ली। उन्होंने कहा कि अब श्री नीतीश कुमार को भरोसेमंद दोस्त भाजपा का साथ छोड़ने के लिए पछताना पड़ेगा।...////...