ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सदन में हंगामा, विधेयक बगैर चर्चा के पारित
23-Dec-2021 07:55 PM 8440
भोपाल, 23 दिसंबर (AGENCY) मध्यप्रदेश में पंचायत चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण के मुद्दे पर आज विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ, जिसके चलते प्रश्नकाल बाधित रहा और सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करना पड़ी। इस बीच सदन ने इस प्रस्ताव काे सर्वसम्मति से पारित किया कि पंचायत चुनाव ओबीसी वर्ग को आरक्षण के बगैर नहीं कराए जाएंगे। हंगामे के बीच ही वित्त वर्ष 2021 22 के लिए 19 हजार करोड़ रुपए से अधिक के प्रावधान वाला द्वितीय अनुपूरक बजट बगैर चर्चा के पारित कर दिया गया। इसके अलावा 'मध्यप्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसान की वसूली विधेयक 2021' भी बगैर चर्चा के पारित किया गया। शीतकालीन सत्र के चौथे दिन सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही कांग्रेस के सज्जन सिंह वर्मा ने ओबीसी आरक्षण का मुद्दा और इससे जुड़े कल के राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश का मामला उठाया। उनका साथ कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने दिया और वे एकसाथ बोलते हुए अध्यक्ष के आसन के सामने पहुंच गए। अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदस्यों से शांत होने और प्रश्नकाल चलने देने का अनुरोध किया, लेकिन कोई असर नहीं होता देख उन्होंने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। विपक्ष के नेता कमलनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में कहा था कि ओबीसी आरक्षण के बगैर पंचायत चुनाव नहीं होंगे। यह सदन की कार्यवाही में दर्ज हैं। विपक्ष यही जानना चाहता है कि सरकार ने इस दिशा में क्या कार्रवाई की। सदन दोबारा समवेत होने पर अध्यक्ष ने प्रश्नकाल की कार्यवाही बढ़ाने का प्रयास किया, लेकिन कांग्रेस सदस्यों का हंगामा जारी रहा और वे अध्यक्ष के आसन के समक्ष पहुंचकर नारेबाजी करते रहे। अध्यक्ष ने एक बार फिर कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी। सदन फिर से समवेत होने पर सदन में हंगामेदार दृश्य दिखायी दिए। अध्यक्ष ने सदस्यों से फिर से शांत रहकर सहयोग करने का अनुरोध किया, लेकिन ओबीसी आरक्षण को लेकर सत्तारूढ़ दल और विपक्षी सदस्यों के बीच आरोप प्रत्यारोप के दौर और नारेबाजी चलती रही। आखिरकार अध्यक्ष ने कार्यवाही एक बार फिर 12 बजे तक स्थगित कर दी और इस तरह प्रश्नकाल बाधित रहा। सदन फिर से समवेत होने पर मुख्यमंत्री श्री चौहान भी आ गए और वे भी अपनी बात रख रहे थे। सदस्यों की टोकाटाकी के बीच उन्होंने कांग्रेस सदस्यों पर कटाक्ष किए और कहा कि सदन को यह संकल्प लेना चाहिए कि पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के बगैर नहीं कराए जाएंगे। इसके बाद अध्यक्ष ने सदस्यों का मत लिया और घोषणा की कि यह संकल्प सर्वसम्मति से पारित हो गया है। इसके पहले श्री चौहान ने यह भी कहा कि सरकार का हमेशा प्रयास रहा है कि अनुसूचित जाति, जनजाति और सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखकर कार्य किए जाएं। संकल्प पारित होने के बाद अध्यक्ष कार्यवाही आगे बढ़ाने चाह रहे थे, लेकिन कांग्रेस सदस्यों ने आरोप लगाया कि विपक्ष के नेता कमलनाथ को इस मुद्दे पर बोलने नहीं दिया जा रहा है। इस बात को लेकर सदन में फिर से हंगामे की स्थिति बन गयी। कांग्रेस सदस्य एकसाथ बोलते हुए अध्यक्ष के आसन के समक्ष आ गए। बाद में कांग्रेस सदस्यों ने बहिर्गमन भी किया। लगातार नारेबाजी के बीच अध्यक्ष ने कार्यसूची में शामिल अन्य विषयों पर कार्यवाही प्रारंभ करायी और उन्हें पूर्ण करने की औपचारिकता की गयी। इस दौरान कार्यसूची में शामिल महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराया गया। अंत में अध्यक्ष ने कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी। इस तरह सदन में आज लगभग पौने दो घंटे के कामकाज के दौरान हंगामा होता रहा। प्रश्नकाल बाधित रहा और तीन बार कार्यवाही स्थगित करना पड़ी।...////...
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